राजनीति

कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता जताते हुए केंद्र को घेरा, शांति बहाली के लिए अब तक कोई प्रत्यक्ष कदम क्यों नहीं उठाया?

मणिपुर
कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता जताते हुए मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी ‘चुप्पी' तोड़ते हुए बातचीत शुरू करनी चाहिए ताकि पूर्वोत्तर के इस राज्य में एक ऐसा समाधान निकल सके जो सभी पक्षों को स्वीकार्य हो। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह सवाल किया कि केंद्र सरकार ने राज्य में शांति बहाली के लिए अब तक कोई प्रत्यक्ष कदम क्यों नहीं उठाया? मणिपुर के तेंगनौपाल जिले में सोमवार को उग्रवादियों के दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी में कम से कम 13 लोग मारे गए। राज्य में सात महीने पहले शुरू हुए अशांति के दौर में 180 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

खरगे ने केंद्र से किए कई सवाल
खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘मणिपुर में सात महीने तक हिंसा जारी रहना अक्षम्य है। कथित गोलीबारी में 13 और लोगों की मौत हो गई है। पिछले 215 दिनों में 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। राहत शिविरों में आंतरिक रूप से विस्थापित लोग रह रहे हैं जहां स्थिति अमानवीय और संतुष्टि से दूर है।'' उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त होने का जिम्मेदार कौन है?

बीरेन सिंह के पद पर बने रहने के लिए कौन जिम्मेदार?
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी पूछा, ‘‘मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पद पर बने रहने के लिए कौन जिम्मेदार है? केंद्र सरकार द्वारा गठित शांति समिति ने मणिपुर में शांति, सामान्य स्थिति और सद्भाव बहाल करने के लिए कोई प्रत्यक्ष कार्य क्यों नहीं किया है?'' उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर में कई राजनीतिक दलों के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी ने मांग की है और फिर से दोहराया है कि केवल माननीय प्रधानमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा से ही संघर्ष का कोई ऐसा समाधान निकल सकता है जो सभी संबंधित पक्षों को स्वीकार्य हो। हमें पूरी उम्मीद है कि वह ऐसा करेंगे।''

मणिपुर में हालात सामान्य से काफी दूर
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘अब 7 महीने हो चुके हैं। मणिपुर में हालात सामान्य से काफी दूर हैं। कल ही हिंसा का एक ताजा दौर शुरू होने की खबर आई जिसमें 13 लोगों की जान चली गई। इससे पहले, एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को लूट लिया गया था। लुटेरे 18 करोड़ रुपये लूट ले गए।'' उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का दावा है कि राज्य में शांति लौट आई है लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री मणिपुर पर चुप्पी साधे रहने के साथ-साथ मणिपुर के नेताओं से मिलने या राज्य का दौरा करने से इनकार करते रहे हैं।''

KhabarBhoomi Desk-1

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button