इंफाल
मणिपुर में हिंसा की घटनाओं पर विराम लगाने और शांति बहाल करने के प्रयास के लिए ही गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन के दौरे पर गए थे। उन्होंने राज्य में मैराथन बैठकें कीं और उपद्रवियों को खुले शब्दों में चेतावनी भी दी बावजूद इसके राज्य में हिंसा खत्म नहीं हुई है। शनिवार को काकचिंग जिले के सेरोऊ बाजार में उपद्रवियों ने कई घरों में आग लगा दी। कांग्रेस विधायक के रंजीत का निजी आवास भी जला दिया गया।
राज्य के बड़ा हिस्सा इस हिंसा से प्रभावित हुआ है। लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में दिन गुजार रहे हैं। हालांकि कुछ इलाका ऐसा भी है जहां हिंसा नहीं हुई है। सूत्रों का कहना है कि उग्रवादी विधायक पर हमला करना चाहते थे लेकिन उस वक्त वह घऱ पर मौजूद नहीं थे।
जानकारी के मुताबिक उग्रवादी बंदूकों के साथ बीएसएफ की टुकड़ी के पास पहुंचे थे। इसके बाद देर रात तक रुक-रुककर गोलियां चलती रहीं। सुगनू में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच दोपहर में भी क्रॉस फायरिंग हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दोनों ही तरफ से मोर्टार का भी इस्तेमाल किया गया था।
वहीं इंफाल जिले की पश्चिमी सीमा पर भी सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच फायरिंग हुई। यहां घायल हुए एक शख्स की अस्पताल में मौत भी हो गई। ऊर्जा मंत्री बिस्वजीत सिंह के साथ कई विधायक विस्थापित हुए लोगों से मुलाकात करने पहुंचे थे। उन्हें जरूरत क सामान भी मुहैया करवाया गया।