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इस साल छठ महापर्व 28 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ शुरू होगा गया। साथ ही वैदिक पंचांग के अनुसार 30 अक्टूबर को अस्ताचलगामी अर्घ्य यानी डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा। जिसमें व्रती लोग पानी के अंदर जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। आपको बता दें कि सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सभी जरूरी चीजों की खरीदारी एक दिन पहले ही कर ली जाती है। छठ महापर्व मुख्यतौर पर बिहार झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में विधि- विधान के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और अर्घ्य देने के लाभ…
अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार 30 अक्टूबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्यास्त 5 बजकर 35 मिनट पर होगा। वहीं अलग- अलग स्थानों पर सूर्यास्त के समय में कुछ परिवर्तन हो सकता है।
वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सायंकाल में सूर्य देव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ भ्रमण करते हैं। इसलिए छठ पूजा में शाम के टाइम सूर्य देव की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी पूजा- अर्चना की जाती है। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।