देश

छठ पर्व खरना के साथ आज, 36 घंटे का निर्जला व्रत

सूर्य देव की उपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ  28 अक्टूबर शुक्रवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। आपको बता दें कि पंचांग के अनुसार छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से होती है और यह पर्व लगातार चार दिनों तक चलता है। साथ ही इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा- अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार छठी मैया सूर्य देव की बहन हैं। आपको बता दें कि शनिवार को संध्या में खरना अनुष्ठान होगा और फिर छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जल उपवास भी आरंभ हो जाएगा।

READ MORE – https://khabarbhoomi.com/

महत्व

शास्त्रों के अनुसार जो लोग छठी पूजा करते हैं उनके घर में सुख- समृद्धि का वास रहता है। साथ ही सूर्य देव की आराधना से आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही छठ मैया संतान सुख प्रदान करने वाली भी मानी जाती हैं। छठ व्रत करने से घर पर सुख-शांति आती है। इस व्रत से संतान और सुहाग की आयु लंबी होती है।

पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना तो वहीं तीसरे दिन डूबते सूर्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रत का समापन किया जाता है। आपको बता दें कि नहाय खाय के पहले दिन प्रात: काल में छठ व्रती को नदी-तालाब या अपने घर पर ही स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करने का विधान है। साथ ही इस दिन नए वस्त्र धारण करके सूर्य देव के समक्ष व्रत का संकल्प लिया जाता है। मान्यता है जो लोग छठ पर्व के दौरान सूर्य देव की उपासना करते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं। उनको सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

khabarbhoomi

खबरभूमि एक प्रादेशिक न्यूज़ पोर्टल हैं, जहां आपको मिलती हैं राजनैतिक, मनोरंजन, खेल -जगत, व्यापार , अंर्राष्ट्रीय, छत्तीसगढ़ , मध्याप्रदेश एवं अन्य राज्यो की विश्वशनीय एवं सबसे प्रथम खबर ।

Show More

khabarbhoomi

खबरभूमि एक प्रादेशिक न्यूज़ पोर्टल हैं, जहां आपको मिलती हैं राजनैतिक, मनोरंजन, खेल -जगत, व्यापार , अंर्राष्ट्रीय, छत्तीसगढ़ , मध्याप्रदेश एवं अन्य राज्यो की विश्वशनीय एवं सबसे प्रथम खबर ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button