![](https://khabarbhoomi.com/wp-content/uploads/2022/10/download-2022-10-15T145949.182.jpg)
हिन्दी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल अन्य इक्कीस भाषाओं के साथ हिन्दी का एक विशेष स्थान है। मातृभाषा के रूप में हिन्दी को आगे बढ़ाने की दिशा में किसी राज्य ने अपने कदम तेजी से बढ़ाए हैं तो वह है देश का हृदयस्थल कहा जाने वाला मध्यप्रदेश। इसका श्रेय सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है, जो लगातार हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
बता दें कि यूक्रेन, रूस, जापान, चीन, किर्गिजस्तान और फिलीपींस जैसे देशों की तरह अब भारत में भी मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में होगी। देश में इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश से हो रही है। प्रदेश के 97 डॉक्टरों की टीम ने चार महीने में रात-दिन काम कर अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है। रविवार यानी 16 अक्टूबर को लाल परेड ग्राउंड में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इन किताबों को लॉन्च करेंगे।
पूरे प्रोजेक्ट को मंदार नाम दिया…
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया, मप्र के मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसर और हिन्दी के जानकारों ने MBBS फर्स्ट ईयर की किताबों का ट्रांसलेटेड वर्जन तैयार किया है। इस पूरे प्रोजेक्ट को मंदार नाम दिया गया है। मंदार नाम रखने के पीछे ये विचार था कि जिस प्रकार समुद्र मंथन में मंदार पर्वत के सहारे अमृत निकाला गया था। उसी प्रकार से अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया गया है। मंत्री ने बताया, मंदार में शामिल डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने विचार मंथन करके किताबें तैयार की हैं। मंत्री सारंग ने कहा मुझे खुशी है कि दुनिया के उन देशों में अब भारत भी शामिल हो गया है, जो अपनी मातृभाषा में मेडिकल की पढ़ाई कराते हैं।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में होगी शुरुआत…
मंत्री विश्वास सारंग ने बताया, पहले हमने ये विचार बनाया था कि हम भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से इसकी शुरुआत करेंगे। लेकिन अब किताबें पर्याप्त मात्रा में तैयार हो गई हैं। अब प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिन्दी में MBBS की पढ़ाई शुरू हो रही है। हमारी कोशिश है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में भी हिन्दी में MBBS की पढ़ाई शुरू हो।