देश

नूंह जिला ही खत्म कर दो, हिंदुओं को मिले हथियार; महापंचायत में क्या-क्या डिमांड

 गुरुग्राम

31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा पर हमले के बाद नूंह में भड़की हिंसा की आग भले ही अब बुझ गई हो, लेकिन तनाव का धुआं अब भी बरकरार है। इस बीच विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने 28 अगस्त से यात्रा को फिर से निकालने का ऐलान कर दिया है। रविवार को पलवल जिले में हुई हिंदुओं की महापंचायत में कई अहम फैसले लिए गए तो सरकार के सामने भी कई मांग रखने का फैसला किया गया है। इनमें हिंदुओं को हथियार दिए जाने से लेकर नूंह जिले को भंग कर दिए जाने तक की डिमांड शामिल है।

पलवल के गांव पोंडरी में नूंह हिंसा के विरोध में आयोजित की गई सर्वजातीय हिंदू महापंचायत में हजारों लोग जुटे। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेता भी इसमें शामिल हुए। महापंचायत में 51 सदस्यीय कमेटी ने हिंसा को लेकर पुलिस प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए। साथ ही सरकार के सामने कई तरह की डिमांड भी रखी गई। महापंचायत में शामिल लोगों ने कहा कि आत्मरक्षा के लिए नूंह, पलवल और आसपास के इलाकों में हिंदुओं को हथियारों के लाइसेंस दिए जाएं। नूंह में सुरक्षा बल की एक बटालियन की तैनाती की मांग भी रखी गई। बजरंग दल के नेता कुलभूषण भारद्वाज ने कहा, 'हम चाहते हैं कि आत्मरक्षा के लिए नूंह में हर हिंदू परिवार को हथियार का लाइसेंस दिया जाए। हिंसा के दौरान कई परिवारों और श्रद्धालुओं को बहुत नुकसान हुआ है। हिंसा करने वालों की प्रॉपर्टी बेचकर वसूली की जाए और पीड़ितों की मदद की जाए।'

Related Articles

'नूंह को गुरुग्राम-पलवल में मिला दिया जाए, गो-तस्करी खत्म हो'
महापंचायत ने नूंह जिले को खत्म करके इसे गुरुग्राम और पलवल के साथ जोड़ देने की मांग भी की। 51 सदस्यों की कमिटी ने कहा कि नूंह-मेवात इलाके को गो-हत्या और गो-तस्करी से मुक्त किया जाए। उन्होंने नूंह में गो-तस्करी को सभी झगड़ों की जड़ बताते हुए कहा कि सरकार को हर हाल में इस पर रोक लगानी होगी। वीएचपी नेता अजीत सिंह ने कहा, 'हमने नूंह में गो-तस्करी पूरी तरह खत्म करने की मांग की है। हम चाहते हैं कि नूंह जिले को भंग कर दिया जाए और इसे गुरुग्राम और पलवल के साथ जोड़ दिया जाए'

1 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग
महापंचायत में हिंसा की जांच एनआईए से कराने की मांग भी रखी गई। हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने समेत 15 मांगें सरकार के सामने रखी गईं। उन्होंने हिंसा के आरोपियों से वसूली की मांग भी की।

 

KhabarBhoomi Desk-1

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button