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Bangladesh Protests: सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों लोग, ‘पीएम शेख हसीना वोट चोर है’ के लगे नारे

नई दिल्ली 

पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शनिवार को सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के कार्यकर्ता ने सड़कों पर जमकर बवाल काटा। विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेतृत्व में मूल्य विरोध के विरोध में बुलाई गई रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और पीएम शेख हसीना से इस्तीफे की मांग की। इस दौरान ये सभी लोग देश में से फिर से चुनाव कराने की मांग कर रहे थे। ढाका के गोलापबाग मैदान में आयोजित हुई इस रैली में लोगों ने जमकर 'शेख हसीना वोट चोर है' के नारे लगाए।

14 सालों से सत्ता से दूर है पार्टी
बांग्लादेश में मुख्य विपक्षी पार्टी BNP 14 सालों से सत्ता से बाहर है। सरकार के खिलाफ लहर पैदा करने के लिए BNP देश भर में कई रैलियां की हैं। यह सबसे बड़ी रैली बुलाई गई थी जिसे हसीना सरकार की तरफ से इन प्रदर्शनों पर तमाम पाबंदियां लगाए जाने के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में लोगों का जुटना सत्ताधारी पार्टी के लिए अलार्मिंग घटना मानी जा रही है। बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ढाका के सैयदाबाद में गोपालबाग मैदान भीड़ से खचाखच भर गया था। इस बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के सभी सात सांसदों ने प्रदर्शन के दौरान ही अपने इस्तीफे का भी ऐलान कर दिया।

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बांग्लादेश में 2024 में हैं चुनाव
बतादें कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक साल पहले के 45.5 अरब डॉलर से घटकर 26.3 अरब डॉलर के खतरनाक स्तर पर आ चुका है। घटते विदेशी मुद्रा भंडार पर और दबाव कम करने के लिए, हसीना सरकार ने अगस्त में ईंधन की कीमतों में 40-50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, लेकिन इस बढ़ोतरी का खाद्य तेल, चावल, अंडे और सब्जियों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। अब विपक्षी पार्टी देश में उपजे राजनीतिक और आर्थिक संकट का फायदा उठाने का प्रयास कर रही है। बांग्लादेश में 2024 में अगले आमचुनाव होने हैं।

शेख हसीना पर भ्रष्टाचार का है आरोप
शेख हसीना 2009 से सत्ता में हैं। उन पर पिछले दो राष्ट्रीय चुनावों में विपक्ष कदाचार का आरोप लगाता आ रहा है। बीएनपी के शीर्ष नेतृत्व ने ढाका की रैली आयोजित कर अपनी पार्टी प्रमुख खालिदा जिया और उनके बेटे तारिक रहमान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को वापस लेने की मांग की है। बीएनपी का दावा है कि पिछले एक दशक में पार्टी के 40 लाख कार्यकर्ताओं के खिलाफ 180,000 से अधिक कानूनी मामले दायर किए गए हैं। वहीं कम से कम 600 पार्टी सदस्यों का अपहरण कर लिया गया है और लगभग 3,000 कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई है।
 
कई विपक्षी नेताओं को भेजा गया जेल
विपक्षी नेताओं ने सरकार पर अपनी हालिया रैलियों में बड़े पैमाने पर मतदान में बाधा डालने के लिए अपने समर्थकों पर नकेल कसने का भी आरोप लगाया। बीएनपी ने कहा कि ढाका की रैली से कुछ दिन पहले कम से कम 2,000 पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर सहित इसके दो शीर्ष नेताओं को भी शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलिस ने कहा कि बुधवार को विपक्ष के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर 500 लोगों को गिरफ्तार करना पड़ा क्योंकि ये बेहत घातक होता जा रहा था।

KhabarBhoomi Desk-1

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