गुजरात। मोरबी पुल हादसे में मृतकों की संख्या सोमवार सुबह 141 पहुंच गई। इनमें 25 बच्चे हैं। मृतकों में महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या भी ज्यादा है। 170 लोग रेस्क्यू किए गए हैं। हादसा रविवार शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। 143 साल पुराना यह ब्रिज ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था। gujrat
पुल पिछले 6 महीने से बंद था। हाल ही में इसकी मरम्मत की गई थी। 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। रविवार होने की वजह से भीड़ ज्यादा हो गई। हादसे की यही वजह बताई जा रही है।
जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है। घायलों के इलाज के लिए मोरबी और राजकोट हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है। NDRF अफसर ने कहा कि इतनी मौतें पहली बार देखी हैं। नदी के मटमैले पानी में हमें लोगों को ढूंढने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने आशंका जताई कि पुल के नीचे भी शव फंसे हो सकते हैं।
PM मोदी केवड़िया में बोले- जिन लोगों को अपना जीवन गंवाना पड़ा, उनके परिवारों को प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। बचाव कार्य में NDRF, सेना और वायुसेना की टीमें लगी हुई हैं। लोगों को दिक्कतें कम हों, ये कोशिश है।
143 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रिज
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 143 साल पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था।
यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।