राजनीति

क्यों दिल्ली में BJP नहीं चाहती अपना मेयर, AAP के खिलाफ प्लान का हिस्सा

 नई दिल्ली 

एमसीडी चुनाव के बाद वोटों की काउंटिंग में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आम आदमी पार्टी (आप) के मुकाबले पिछड़ी तो प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने यह कहकर हलचल मचा दी कि मेयर तो उनकी पार्टी का ही होगा। हालांकि, पद छोड़ने से पहले उन्हें यूटर्न लिया और साफ किया कि भाजपा विपक्ष की भूमिका निभाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मेयर 'आप' का ही होगा। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्यों भाजपा ने मेयर चुनाव से कमद वापस खींच लिए हैं? 

दरअसल यह भाजपा के गेमप्लान का हिस्सा है। पार्टी के कुछ नेता यह कहते हुए जवाब देते हैं कि लंबी छलांग लगाने के लिए कुछ कदम पीछे हटना पड़ता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी इस बात पर एकमत हैं कि 'आप' को मेयर बनाने का मौका दिया जाए। उनका मानना है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने जनता से बड़े-बड़े वादे किए हैं, जिन्हें वास्तविकता में बदलना संभव नहीं है और इसका भविष्य में भाजपा को फायदा होगा। 

भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा, ''अभी तक ना तो किसी सांसद और ना ही पार्षद से कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के किसी पार्षद से संपर्क किया जाए और उन्हें पार्टी में लाया जाए।'' सभी 250 चुने गए पार्षद मेयर चुनाव में वोट डालेंगे और दल-बदल कानून के नियम लागू नहीं होते। नियम के मुताबिक, एमसीडी में पहली मेयर महिला होगी और तीसरे साल में आरक्षित श्रेणी से किसी व्यक्ति को यह पद दिया जाता है। 

भाजपा के एक अन्य नेता ने कहा, ''हमारी पार्टी को लेकर सत्ता विरोधी माहौल काफी हद तक इसलिए बना क्योंकि दिल्ली सरकार ने फंड रोक दिए थे, जिससे कर्मचारियों को सैलरी मिलने में देरी हुई और विकास कार्य समय पर पूरे नहीं हुए। यदि मेयर भाजपा का हुआ तो एक बार फिर ऐसी ही स्थिति पैदा होगी।'' उन्होंने यह भी कहा कि लैंडफिल साइट को अगले 5 साल में साफ कर देने जैसे वादे व्यवहारिक नहीं हैं। इससे भाजपा को अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को घेरने का मौका मिलेगा। इससे पहले 'आप' के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा उनके पार्षदों को धमकी और लालच देकर पाला बदलवाना चाहती है। वहीं, भाजपा ने भी आम आदमी पार्टी पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं।
 

KhabarBhoomi Desk-1

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button