मध्यप्रदेश

पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की जान को खतरा! वकील ने सरकार से शर्मा और अन्य आरोपियों के लिए सुरक्षा की मांग की

भोपाल

आरटीओ विभाग से जुड़े भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में घिरे पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की जान को खतरा बताया जा रहा है. सौरभ शर्मा के सहयोगी शरद जायसवाल के वकील सूर्यकांत भुजाडे ने कहा कि सरकार को सौरभ शर्मा और अन्य आरोपियों को सुरक्षा देनी चाहिए.

वकील सूर्यकांत भुजाडे ने कहा कि उनके क्लाइंट शरद जायसवाल हैं. उनकी अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट में लगाई थी, जो खारिज हो गई. सूर्यकांत ने कहा कि उनकी अब तक सौरभ शर्मा से बात नहीं हुई है. यह बहुत बड़ा केस है और सौरभ हो, शरद हो या अन्य आरोपी, यह सभी बहुत छोटे लोग हैं.

वकील ने कहा कि जांच एजेंसियों ने ऐसा माहौल बना दिया है कि जैसे यही सबसे बड़े मास्टरमाइंड हों. सूर्यकांत ने कहा कि यह सब बड़े लोगों का किया धरा है, जो इन छोटे लोगों पर डाल दिया है. इसलिए इनकी जान को खतरा है. मेरी सरकार से दरख्वास्त है कि इन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए.

शरद के वकील ने कहा कि जांच में यह सामने आना चाहिए कि मुख्य आरोपी कौन हैं. जो ब्यूरोक्रेट्स या राजनीतिक लोग हैं, वो कौन हैं, इसका खुलासा होना चाहिए. जब हम लोगों ने शरद जायसवाल की जमानत के लिए एप्लिकेशन लगाई थी, तब हमने कोर्ट को यही बताया था कि यह लोग जांच में सहयोग करने को तैयार हैं, इसलिए इन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए और बेल दी जाए, लेकिन बेल नहीं मिली.

सौरभ की जान को किससे खतरा

सौरभ शर्मा के परिजनों ने अपने वकील सूर्यकांत बुझाड़े के माध्यम से कहा है कि उनका मुवक्किल सौरभ शर्मा जांच में सहयोग करना चाहते हैं। लेकिन, उन्होंने शर्त रख दी है कि वे जांच में तभी सहयोग करेंगे, जबकि वे सुरक्षित महसूस करेंगे। उनका कहना है कि केस का खुलासा होना बहुत जरूरी है।
सौरभ शर्मा तो छोटी मछली

बताया जा रहा है कि ये बहुत बड़ा केस है जबकि सौरभ शर्मा सहित अन्य आरोपी तो छोटी मछलियां हैं। इस कारण इनके सिर पर केस मढ़ दिया गया है। आरोप है कि यह बहुत बड़े लेवल के लोगों द्वारा किया गया कांड हैं। लेकिन आरोप इन छोटे लोगों पर डाल दिया है। सौरभ के वकील ने कहा कि मैं मीडिया के माध्यम से भी प्रदेश की मोहन सरकार से इन्हें सुरक्षा देने की मांग करता हूं।

सौरभ के वकील सूर्यकांत के अनुसार सरकार अगर जान की सुरक्षा की गारंटी दे तो सौरभ सामने आने को तैयार है। एक बार सौरभ को सुरक्षा की गारंटी के साथ सामने आने दिया गया तो बड़ा खुलासा करने को तैयार है। इसके साथ ही यह भी खबरें है कि सौरभ जल्द ही दुबई से वापस भारत आ सकता है। साथ ही वह लोकायुक्त के सामने सरेंडर कर सकता है।

शरद के वकील ने कहा कि सौरभ सिर्फ 7 साल कॉन्स्टेबल रहा है, जबकि एजेंसियों को जो अकूत दौलत मिली है, वो 7 साल में बनाना असंभव है. यह एक बड़ा सिंडिकेट है, जिसमें पुराने ब्यूरोक्रेट और नेता शामिल हैं, इसकी जांच होनी चाहिए. बता दें कि इससे पहले सौरभ के वकील राकेश पराशर ने भी भोपाल जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जो खारिज हो गई थी. उस समय एडवोकेट राकेश पाराशर ने भी सौरभ के एनकाउंटर की आशंका जताई थी. हालांकि उस समय भी बेल एप्लिकेशन रिजेक्ट हो गई थी.

करोड़ों रुपये की मिली थी संपत्ति

लोकायुक्त पुलिस के छापे में पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के पास करोड़ों की संपत्ति मिली थी. इसमें भोपाल में खड़ी कार से 52 किलोग्राम सोना और 234 किलोग्राम चांदी भी मिली थी. लोकायुक्त की विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (SPE) ने पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा से जुड़े कई परिसर से संपत्तियां बरामद की थीं. भ्रष्टाचार निरोधक लोकायुक्त पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने बताया था कि लोकायुक्त पुलिस ने 18 और 19 दिसंबर 2024 को सौरभ शर्मा के आवास और कार्यालय की तलाशी ली थी.

लोकायुक्त पुलिस महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने बताया था कि सौरभ शर्मा के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे और उनकी साल 2015 में मृत्यु हो गई थी. इसके बाद सौरभ शर्मा को 2015 में अनुकंपा के आधार पर राज्य परिवहन विभाग में कॉन्स्टेबल के पद पर नियुक्ति मिली और उसने 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. सौरभ शर्मा ने भ्रष्ट तरीकों से धन अर्जित किया, जिसमें अपनी मां, पत्नी, रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों चेतन सिंह गौड़ और शरद जायसवाल के नाम पर स्कूल और होटल स्थापित करना शामिल है.

ईडी ने सौरभ शर्मा के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया
बता दें कि आय से अधिक संपत्ति मामले में लोकायुक्त पुलिस में दर्ज एफआइआर के आधार पर ईडी ने सौरभ शर्मा के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था। इसके पहले भी सौरभ शर्मा के करीबियों के यहां आठ स्थानों पर ईडी छापा मार चुकी है।

सेवानिवृत्त होने के बाद वकालत करने लगे थे अरोरा
मुरार स्थित सीपी कालोनी में रहने वाले केके अरोरा के घर ईडी की तीन सदस्यीय टीम सीआरपीएफ जवान और मुरार थाने की फोर्स की कड़ी सुरक्षा में पहुंची। सुबह सात बजे दरवाजे पर दस्तक दी, फिर चारों तरफ से सीआरपीएफ जवान और मुरार थाने की फोर्स ने अरोरा के घर को घेर लिया। दिनभर तलाशी अभियान चला।

केके अरोरा पंजीयन विभाग में सब रजिस्ट्रार के पद से रिटायर्ड होने के बाद वकालत करने लगे थे। मुरार स्थित कल्पना नगर में रहने वाला विनय हासवानी भी वकील हैं, जो सौरभ शर्मा की मौसी की बेटी का पति है। विनय के मेंडोरी स्थित फार्म हाउस पर ही 52 किलो सोने और रुपए से भरी इनोवा कार मिली थी। बाद में पड़ताल में सामने आया कि विनय ही इस गाड़ी को मेंडोरी स्थित फार्म हाउस तक ले गया।

विनय ग्वालियर के रहने वाले रिटायर्ड डीएसपी मुनीष राजौरिया का दामाद है। विनय ने भी वकालात की थी। उधर, सेवानिवृत्त होने के बाद केके अरोरा भी वकालात कर रहे थे। दोनों के बारे में पता लगा है कि यह दोनों बिजनेस पार्टनर भी हैं।

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