सेहत

पाचन तंत्र बिगाड़ देंगी ये बुरी आदतें

अगर आपको हमेशा पेट में गैस बनने, सीने में जलन, एसिडिटी, खुलकर डकार नहीं आना, अपच, मतली, भूख में कमी, थोड़ा खाते ही पेट भरा-भरा लगना, पेट में भारीपन, पेट फूलना, खट्टी डकार जैसी समस्याएं रहती हैं, तो इसका साफ मतलब है कि आपका पाचन तंत्र में तगड़ी गड़बड़ है। पाचन तंत्र में किसी भी तरह की खराबी आपके पूरे शरीर को भारी पड़ सकती है।

पाचन के बिगड़ने के खाने को पचाना मुश्किल हो जाता है जिससे शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं और आपको कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की तरफ धकेल सकते हैं। पाचन तंत्र के बिगड़ने के क्या कारण हैं? पाचन से जुड़ी कोई भी समस्या आपके द्वारा गलत चीजों को खाने, गलत समय पर खाने, गलत मात्रा में खाने और किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी में शामिल नहीं होने का परिणाम है।

आयुर्वेद के अनुसार कुछ ऐसी गलतियां बता रही हैं, जो आप रोजाना करते हैं और वो धीरे-धीरे आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं। अगर आपको पेट में गैस या तेजाब बनने से रोकना है, तो आपको तुरंत अपनी आदतों में सुधार कर लेना चाहिए।

खाने के तुरंत बाद नहाना
आयुर्वेद के अनुसार, हर काम का एक समय होता है। इसे फॉलो नहीं करने शरीर को नुकसान पहुंचता है। ऐसा माना गया है कि भोजन के बाद 2 घंटे तक नहीं नहाना चाहिए। शरीर में अग्नि तत्व भोजन के पाचन के लिए जिम्मेदार होता है, इसलिए जब आप खाते हैं, तो अग्नि तत्व सक्रिय हो जाते हैं लेकिन जब आप नहाते हैं, तो शरीर का तापमान कम हो जाता है और पाचन धीमा हो जाता है।

खाने के ठीक बाद टहलना
लंबी दूरी तक चलना, तैरना, व्यायाम करना- ये सभी एक्टिविटी वात को बढ़ाती हैं और पाचन को परेशान करती हैं जिससे सूजन, पोषण का अधूरा अवशोषण और भोजन के बाद असुविधा महसूस होती है। हमेशा खाने के बाद कम से कम दस मिनट बाद ही टहलना चाहिए।

दोपहर 2 बजे के बाद लंच करना
आयुर्वेद के अनुसार दोपहर में 12 से 2 बजे के बीच भोजन करना सही माना गया है। इस दौरान सूरज आकाश में चरम पर होता है। यह दिन का वह समय होता है जब पित्त प्रमुख होता है, जो आपके भोजन को आसानी से पचाने में मदद करता है। इसी कारण से, आयुर्वेद दोपहर के भोजन को दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन मानता है।

रात में दही खाना
दही स्वाद में खट्टा और मीठा होता है और यह शरीर में कफ और पित्त दोष को बढ़ाता है। रात के समय शरीर में प्राकृतिक रूप से कफ को बढ़ाता और इस समय दही खाने से ज्यादा कफ बन सकता है। यह आंत में जमा हो सकता है और कब्ज पैदा कर सकता है।

खाते ही तुरंत सो जाना
आयुर्वेद भोजन और सोने के समय के बीच कम से कम 3 घंटे का अंतर रखने की सलाह दी गई है। नींद के दौरान, शरीर मरम्मत का काम करता है, रिफ्रेश होता है और जबकि आपका मन दिन भर के विचारों, भावनाओं और अनुभवों को पचाता है। यही वजह है कि आपका आखिरी भोजन हल्का हो और सोने से तीन घंटे पहले पूरा हो।

 

KhabarBhoomi Desk-1

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