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नई दिल्ली
जस्टिस दीपांकर दत्ता सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए। अब उनकी नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम एक बार फिर से नए नामों की सिफारिश सरकार से कर सकता है। हाल ही में सरकार ने कॉलेजिमय की ओर से सुझाए गए 19 नामों को खारिज कर दिया था और फाइल लौटाई थी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नए नामों की सिफारिश ऐसे वक्त में की जाएगी, जब सरकार से जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर उसका टकराव चल रहा है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने फैसला लिया था कि जस्टिस दत्ता के नाम पर मुहर लगने तक वह नए नामों की सिफारिश नहीं करेगी।
दो महीने तक फाइल रोके रखने के बाद सरकार ने रविवार को ही जस्टिस दत्ता के नाम पर मुहर लगाई थी। अब इसी सप्ताह कॉलेजिमय में शामिल चीफ जस्टिस समेत 5 जजों की मीटिंग होगी और कुछ नए नामों की सिफारिश सरकार से की जाएगी। इस सप्ताह कॉलेजियम की एक से ज्यादा बैठकें हो सकती हैं। कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में 19 दिसंबर से 2 जनवरी तक सर्दियों की छुट्टियां रहेंगी। उससे पहले कॉलेजियम अपनी तरफ से जजों के नाम फाइनल करके सरकार के समक्ष भेजना चाहती है।
इसके अलावा कॉलेजियम में शामिल जज अब्दुल नजीर का 4 जनवरी को रिटायरमेंट हो रहा है। यह भी एक वजह है कि कॉलेजियम मीटिंग जल्दी करना चाहती है। चर्चा है कि हाई कोर्ट्स के चीफ जस्टिस और वरिष्ठ जजों को सुप्रीम कोर्ट में भेजे जाने के लिए 10 नाम सुझाए जा सकते हैं। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम एक मुस्लिम जज को भी उच्चतम न्यायालय में लाने की सिफारिश कर सकती है। 4 जनवरी को रिटायर होने वाले जस्टिस अब्दुल नजीर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में इकलौते मुस्लिम जज हैं।
सोमवार को ही जस्टिस दत्ता के शपथ लेने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 28 हो गई है, जबकि कुल क्षमता 34 की है। इस तरह उच्चतम न्यायालय में अब भी जजों के 6 पद खाली हैं। इसके अलावा 9 जज अगले साल और रिटायर हो रहे हैं। इस तरह आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट में कुल 15 नए जजों की जरूरत होगी। मौजूदा चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ कॉलेजियम के प्रमुख भी हैं, जो 10 नवंबर 2024 तक पद पर रहेंगे। उनके कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कुल 19 जजों की नियुक्ति की जाएगी।