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झोझा जल प्रपात पर्यटन स्थल पर किया गया सस्टेनेबल इको टूरिज्म की शुरूआत

गौरेला पेंड्रा मरवाही। वन, पहाड़, नदी-नालों से युक्त आदिवासी बाहुल्य नवगठित गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला प्राकृतिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थलों से शुमार है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच है कि इस जिले की पहचान पर्यटन जिले के रूप में बने और स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार और आजीविका के अवसर मिले। इसी सोच के अनुरूप जिला प्रशासन पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए संधारणीय विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) के लिए प्रतिबद्ध है।
कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में आज गौरेला विकासखंड के पर्यटन स्थल झोझा जलप्रपात में सस्टनेबल इको टूरिज्म की आज शुरूआत की गई। जनपद पंचायत सीईओ गौरेला डॉ संजय शर्मा ने बैरियर में पर्ची कटवा कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। झोझा जलप्रपात में स्वच्छता की मुहीम को ले कर जिला प्रशासन एवं ग्राम पंचायत बस्ती-बगरा, आमगांव, टीकरखुर्द, पूटा, लमना के सरपंच और सचिव तथा पंचायत समिति, राजीव गांधी युवा क्लब मिशन के लोग और ग्रामीणों द्वारा श्रमदान कर 15 बोरी कचरा इक_ा कर निष्पादन किया गया। ग्रामीणों को प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं का उपयोग नहीं करने की सीख दी गई तथा इको टूरिज्म समिति का गठन कर लोगो के द्वारा लाए गए प्लास्टिक पर रोक की पहल चालू की गई।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिले में चिन्हित दो दर्जन से अधिक पर्यटन स्थलों की जानकारी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शित करने और उनके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए 5 जुलाई 2022 को भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान टूरिस्ट मैप का विमोचन किया है। इन पर्यटन स्थलों में झोझा वाटर फॉल, राजमेरगढ़, समुदलाई कुंड, शिव घाट, लखन घाट, गंगई नेचर कैंप, चुन्हादाई, परेवापथ, आदि शक्ति मंदिर, तारा खार वाटरफॉल, दुर्गा धारा वाटरफॉल, लक्ष्मण धारा वाटरफॉल, बेनी बाई, जोगी गुफा, घाघरा डैम, बिल्लमगढ़ गुफा, हवा पत्थर, मलनिया डैम, जलेश्वर महादेव, सोनकुंड, कारीराम, माई का मड़वा, कबीर चबूतरा एवं अचानकमार टाइगर रिजर्व शामिल है।

KhabarBhoomi Desk-1

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