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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को बरी करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। साईबाबा पर कथित तौर पर माओवादियों से संबंध रखने और उनकी मदद करने का आरोप है। बता दें कि शुक्रवार को साईबाबा को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरी करने का आदेश दिया था। उन्हें कोर्ट ने तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था।
जीएन साईबाबा को बरी करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के लिए शुक्रवार शाम महाराट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट शनिवार को सुबह 11 बजे सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया था।
बता दें कि शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के जस्टिस रोहित देव और अनिल पानसरे की बेंच ने जीएन साईबाबा द्वारा निचली अदालत के 2017 के आदेश को चुनौती देने और उन्हें आजीवन कारावास की सजा देने की अपील को भी अनुमति दे दी थी। जीएन साईबाबा शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं और व्हीलचेयर पर हैं। वह वर्तमान में नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।