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अब तक हमने शाहरुख Birthday की जिंदगी को वहां से पढ़ा, जहां से टीवी सीरियल फौजी में इनका स्ट्रगल शुरू हुआ था। आज हम शाहरुख की उस जिंदगी को पढ़ेंगे, जो मुंबई से नहीं, दिल्ली से शुरू होती है। कम ही लोग जानते हैं कि शाहरुख की मां लतीफ फातिमा मजिस्ट्रेट थीं। ये अपने जमाने की सबसे सफल मुस्लिम महिलाओं में से एक थीं। सोशल वर्क में काफी आगे रहीं और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से उनके गहरे ताल्लुकात थे। मां जितनी हाई सोसाइटी वाली रहीं, पिता मीर ताज उतने ही जमीनी इंसान थे। वे पेशावर से आए थे और दिल्ली में चाय बेचा करते थे। एक एक्सीडेंट ने दोनों को मिलवाया। शादी हुई। और फिर कहानी शुरू हुई शाहरुख खान नाम के स्टार के बनने की। sharukh khan
स्पोर्ट्स मैन बनना चाहते थे, कंधे की चोट ने तोड़ा सपना
सेंट कोलंबस स्कूल से पढ़ाई के दिनों में शाहरुख की रुचि स्पोर्ट्स में जागी। शाहरुख हॉकी और फुटबॉल में माहिर थे। एक दिन खेलते हुए शाहरुख के कंधे पर गहरी चोट आई। शाहरुख का सपना था कि वो स्पोर्ट्स में ही अपना करियर बनाएं। हालांकि डॉक्टर्स ने उन्हें खेल-कूद से दूर रहने की सलाह दी।
स्पोर्ट्स से ध्यान हटा तो शाहरुख हंसराज कॉलेज में इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करते हुए पढ़ाई से ज्यादा तवज्जो प्ले को देने लगे। दिल्ली थिएटर ग्रुप में शाहरुख ने बैरी जॉन से एक्टिंग सीखी। आगे शाहरुख ने जामिया मिलिया इस्लामिया में मास कम्युनिकेशन से मास्टर डिग्री लेने के लिए दाखिला लिया, लेकिन एक्टिंग करियर बनाने के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़कर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया।
गौरी खान के लिए खरीदा था मन्नत
शाहरुख खान का बंगला सालों पहले गुजराती मूल के पारसी किकू गांधी का था। ये शिमॉल्ड आर्ट गैलरी के संस्थापक थे। करियर की शुरुआत में शाहरुख किकू के पड़ोसी थे। जब शाहरुख को पता चला कि किकू अपना बंगला लीज पर देना चाहते हैं तो उन्होंने घर खरीदने का प्रस्ताव सामने रखा। उस समय शाहरुख यस बॉस फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। कई मुश्किलों के बाद शाहरुख ने साल 2001 में ये घर 13.32 करोड़ रुपए में गौरी के लिए खरीदा था। पहले इस बंगले का नाम विला विएना था, जिसे शाहरुख ने मन्नत कर दिया।