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थर्टी फर्स्‍ट के लिए टैंकर में तहखाना बनाकर ‘मयखाना’ जा रही शराब पकड़ी, ‘पुष्पा’ स्‍टाइल में हो रही थी तस्‍करी

 हल्द्वानी 
पुलिस और एसओजी टीम ने हरियाणा से हल्द्वानी लाया गया अवैध अंग्रेजी शराब का जखीरा पकड़ा है। शराब की 60 पेटियों को तस्कर मोबिल के टैंकर में तहखाना बनाकर मयखाना में सप्लाई करने जा रहे थे। पकड़ी गई शराब थर्टी फर्स्ट की रात लोगों व पर्यटकों को परोसी जानी थी।

फिल्म पुष्पा की तर्ज पर आरोपित पूरी प्लानिंग के साथ पहुंचे थे, लेकिन पुलिस की चतुराई के आगे बच नहीं सके। एसपी क्राइम डा. जगदीश चंद ने बताया कि क्रिसमस व थर्टी फर्स्ट को लेकर जिले में सुरक्षा बढ़ाई गई है। रविवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने ट्रांसपोर्ट नगर चौकी के पास रुद्रपुर से आ रहे टैंकर को रोका। टैंकर में काला मोबिल लिखा हुआ था।

हरियाणा ब्रांड की 60 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब
तलाशी लेने पर टैंकर में बने तहखाने में हरियाणा ब्रांड की 60 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब ओल्ड मंक रम बरामद हुई। शराब तस्करों ने अपना नाम छतरपुर उत्तर प्रदेश निवासी लच्छू अहिरवार व सोनीपत हरियाणा निवासी नवीन बताया। तस्करों ने पुलिस को बताया कि वे हरियाणा से शराब लेकर रुद्रपुर के रास्ते हल्द्वानी पहुंचे।

पुलिस से बचने के लिए शराब को टैंकर के नीचे बने तहखाने में छिपाकर लाया गया था। थर्टी फर्स्ट के लिए डिमांड पर शराब किसी ठिकाने पर पहुंचनी थी। दोनों तस्करों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। टीम में कोतवाल हरेंद्र चौधरी, ट्रांसपोर्ट नगर प्रभारी पंकज जोशी, एसओजी प्रभारी राजवीर सिंह नेगी, हेड कांस्टेबल जगदीश भारती, त्रिलोक सिंह, कांस्टेबल तारा सिंह, नवीन राधा व अशोक रावत शामिल रहे।
 
आर्मी व सीएसडी का फर्जी टैग लगाकर पिलाया जा रहा जहर
इसी साल बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 50 व हरिद्वार में सात लोगों की मौत हो गई थी। इन सब घटनाओं से हम सबक नहीं ले पा रहे हैं। तस्कर आर्मी व सीएसडी का फर्जी टैग लगाकर शराब के रूप में जहर पिला रहे हैं। रविवार को पुलिस ने ऐसे दो तस्करों को पकड़ा है।

शराब तस्करों ने प्लास्टिक की बोतलों के अंदर अवैध अंग्रेजी शराब बनाकर सील पैक की थी। इसके बाहर ओल्ड मंक रम की वैध बोतलों की तरह प्रिंट किया गया था। साथ ही आर्मी व सीएसडी का फर्जी टैग लगा रखा था। शराब तस्करों ने पुलिस को बताया कि टैग लगने से उनकी शराब को कोई अवैध यानी नकली नहीं बता सकता है। टैग से बोतलों के उचित दाम उन्हें मिल जाते हैं।
 
हल्द्वानी के अलावा वे अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में शराब बेच चुके हैं। इन सभी जिलों में उनके डीलर काम करते हैं। शराब लाकर उन्हें सौंप दी जाती है। इस शराब को बेचने पर मिलने वाला पैसा उनके बैंक खातें में डाल दिया जाता है। शराब को ठेकों पर भी बेचा जाता था। शरीर को ऐसे खत्म करती है जहरीली शराबमिथाइल अल्कोहल से बनी शराब सबसे पहले ब्रेन पर असर करती है और फिर आंखों की रोशनी चली जाती है।
 
वरिष्ठ फिजीशियन डा. दिनेश चंद्र पंत बताते है कि जहरीली शराब पीने से मौत हो जाती है या व्यक्ति अंधा हो जाता है। जब जहरीली शराब शरीर में जाती है, इसके अंदर मौजूद एल्किल ग्रुप एल्डिहाइड में बदल जाता है और इससे शरीर के अंदर एक फार्मेल्डिहाइड या फार्मिक एसिड बनता है, जो सीधा दिमाग पर असर करता है। यह बहुत अधिक नुकसानदेह होता है।

आबकारी विभाग तस्करी रोकने में नाकाम
आबकारी विभाग शराब तस्करी रोकने में नाकाम साबित हुआ है। इस साल उसके पास कोई ऐसी बड़ी कामयाबी नहीं है, जिसे उपलब्धि के तौर पर गिना सके। कच्ची शराब के विरुद्ध चले अभियान भी खानापूर्ति तक सिमट गए।

KhabarBhoomi Desk-1

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