भोपाल
भोपाल स्मार्ट सिटी ने करीब सात साल पहले स्मार्ट पोल प्रोजेक्ट के नाम पर शासन के करीब 640 करोड़ रुपए डूबा दिए थे। यह प्रोजेक्ट फेल हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद अब दोबार स्मार्ट पोल प्रोजेक्ट को शुरू करने की प्लानिंग है। इससे भले ही शहर की जनता को फायदा हो ना हो, लेकिन कंपनी के अफसरों को जरूर फायदा होगा। ज्ञात हो कि पिछली बार पब्लिक पार्टनरशिप के जरिए यह काम किया गया था, लेकिन इस बार इस प्रोजेक्ट पर बिजली कंपनी के साथ मिलकर करने की योजना है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में स्मार्ट सिटी और बिजली कंपनी और ट्राई के बीच बैठक हो चुकी है।
अब तक दावे हकीकत में नहीं हुए तब्दील
स्मार्ट सिटी कंपनी ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से राजधानी में 400 से ज्यादा स्मार्ट पोल और 205000 इंटेलीजेंट स्ट्रीट लाइट लगाई गई थीं। इस पर करीब 640 करोड़ खर्च हुए थे। तब के अधिकारियों ने दावा किया था कि स्मार्ट पोल पर पर्यावरण सेंसर, कैमरा, वार्ड फाई, साइन बोर्ड समेत अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। हालांकि यह दावे हकीकत में अब तक तब्दील नहीं हुए।
60 फीसदी खंभों को बदला जाएगा स्मार्ट पोल में
शहर में बिजली कंपनी के करीब 40 हजार खंभे लगे हैं। इनमें से 60 फीसदी खंभों को स्मार्ट पोल में बदला जाएगा। इसकी तैयारी चल रही है। खास बात यह होगी कि इन पोल पर सुरक्षा के लिए पैनिक बटन, फायर अलार्म के साथ ही वाई फाई, मोबाइल व ई व्हीकल चार्जिंग समेत सात सुविधाएं मिलेंगी। पहले चरण में 400 खंभों को लिया जाएगा।
इसलिए फेल हुआ
स्मार्ट पोल प्रोजेक्ट के फेल होने के कई कारण हैं। सभी जगहों पर पोल से वाई फाई जैसी सेवाएं न मिल पाने के पीछे वजह बताई गई कि मोबाइल कंपनियां इसके लिए तैयार नहीं हो रही है। कंपनियों को सभी लोकेशन पर इसमें फायदा नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में स्मार्ट पोल का फायदा नहीं मिल पाया।