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चार धामों में हो रही बारिश और बर्फबारी से तीर्थयात्रियों के ठिठके कदम

ऋषिकेश
 पिछले कई दिनों से चार धामों में हो रही बारिश और बर्फबारी के कारण इन धामों की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं के कदम ठिठक गए हैं। इसके कारण ऋषिकेश में भी यात्रियों की संख्या काफी घट गई है। अपने निजी वाहनों से चारधाम यात्रा पर जा रहे यात्रियों को श्रीनगर सहित अन्य स्थानों पर रोका जा रहा है।

मौसम की खराबी के पहले जहां ऋषिकेश के ट्रांजिट कैंप में चार धामों के दर्शनों के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु और तीर्थयात्री आ रहे थे वहीं अब इनकी संख्या न के बराबर रह गयी है। अब यहां से जो भी श्रद्धालु और तीर्थयात्री इन धामों में दर्शन-पूजन को गुजर रहे हैं, वे अपने निजी वाहनों से आ रहे हैं और इनकी संख्या भी बहुत अधिक नहीं हैं। प्रशासन और चारधाम व्यवस्था से जुड़े लोग मौसम की चेतावनी के मद्देनजर उन्हें भी जगह-जगह रोक रहे हैं ताकि वे खराब मौसम के चलते परेशानी का शिकार न हों।

इस संबंध में पौड़ी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि यात्रियों को अग्रिम आदेश तक रोका जा रहा है। अपर आयुक्त प्रशासन नरेंद्र सिंह क्यूरियाल ने बताया कि मौसम विभाग के केदारनाथ सहित अन्य धामों में हो रही बारिश और बर्फबारी के चलते येलो अलर्ट जारी कर दिया है। इसके चलते फिलहाल 3 मई तक केदारनाथ का पंजीकरण रोक दिया गया है। उनका कहना था कि यदि इसी प्रकार बर्फबारी होती रही तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।

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चारधाम जाने वाले यात्रियों का पंजीकरण कर रहे एथिक्स कंपनी के प्रभारी प्रेम अनंत का कहना है कि उनकी कंपनी केदारनाथ को छोड़कर बद्रीनाथ गंगोत्री, यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों का पंजीकरण कर रही है। इसके लिए हरिद्वार ऋषिकेश, बड़कोट,जान की चट्टी, हिना, गंगोत्री, सोनप्रयाग, केदारनाथ, पांडुकेश्वर, गोविंदघाट और बद्रीनाथ में पंजीकरण की प्रक्रिया के लिए कार्यालय खोले गए हैं। बद्रीनाथ में दर्शन करने वाली यात्रियों के लिए टोकन की व्यवस्था भी की गई है, जिससे किसी यात्री को यात्रा करने में परेशानी का सामना न करना पड़े।

उनका कहना था कि जबसे केदारनाथ धाम का रजिस्ट्रेशन रोका गया है, तब से यात्री असमंजस की स्थिति में हैं। अब हालात यह हैं कि चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों में अधिकांश साधु-संत ही अपना पंजीकरण करवा रहे हैं। उत्तराखंड परिवहन विभाग के परिवर्तन अधिकारी मोहित कोठारी ने बताया कि चार धामों में जाने वाले यात्रियों के वाहनों की चेकिंग किए जाने के साथ विभाग की ओर से ग्रीन कार्ड जारी किए जा रहे हैं, जिनकी चेकिंग के बाद ही वाहनों को यात्रा पर भेजा जा रहा है। इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही है।

बर्फबारी और बारिश के कारण यात्रियों की संख्या में पिछले वर्ष की अपेक्षा काफी कमी नजर आ रही है। इसके कारण ऋषिकेश में वाहन स्वामियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं। संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति के अध्यक्ष संजय शास्त्री ने कहा कि पिछले साल यात्रा प्रारंभ होने के एक हफ्ते तक यात्रियों का काफी जमावड़ा रहा है, लेकिन इस वर्ष अभी तक यात्रियों में उस प्रकार का उत्साह नजर नहीं आ रहा है, उन्हें आशा है कि यह यात्रा 10 मई के बाद गति पकड़ेगी। इसका कारण उन्होंने 5 मई के बाद स्कूलों में छुट्टी का होना भी बताया है।

 

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