उत्तर प्रदेश

कोरोना से रिकवर हो चुके लोग सावधान! सर्दी में बढ़ रहे फेफड़े चोक के मामले, डॉक्टर दे रहे ये सलाह

डाक्टरों के मुताबिक इस बार सर्दी फरवरी तक असर दिखाएगी। ठंड के साथ सर्द हवाएं भी परेशान करेंगी। जिनके फेंफड़ों को थोड़ा भी नुकसान हुआ है उन पर मौसम का मिजाज भारी पड़ सकता है। इसलिए फरवरी तक गर्म कपड़े, गर्म पानी से नहाना, गर्म पानी पीना जरूरी हो जाता है। एसएनएमसी अस्पताल के टीबी एवं वक्ष रोग विभाग के हेड डा. संतोष कुमार के मुताबिक सांस संबंधी मरीजों की बहुतायत है। इसके पीछे कोविड भी एक बड़ा कारण है। कम उम्र के लोग भी आ रहे हैं। बीते करीब 40 दिनों से सभी बेड फुल चल रहे हैं। पुराने मरीजों की संख्या ज्यादा है।

कोविड की तीन लहरों की मार और भीषण सर्दी। इससे फेफड़ों की बत्ती गुल कर दी है। हालात यह है कि एसएनएमसी का टीबी और वक्ष रोग विभाग का वार्ड फुल चल रहा है। बीते 40 दिनों से यहां एक भी बेड खाली नहीं है। जरूरी मरीजों के लिए पुरानों को डिस्चार्ज करना पड़ रहा है।

अमूमन सर्दी के सीजन में सांस, दमा, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और टीबी के मरीजों की हालत खराब हो जाती है। इन मरीजों को डाक्टर के पास जाना ही पड़ता है। लेकिन इस सीजन सर्दी के लंबा खिंचने के कारण दिक्कत ज्यादा बढ़ी है। दूसरा बड़ा कारण कोविड की तीन लहरों को भी माना जा रहा है। संक्रमण ने अधिकतर मरीजों के फेंफड़ों को प्रभावित किया है। दूसरी लहर में ज्यादातर लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई थी। आक्सीजन की जरूरत भी पड़ी थी। इसका असर इस सीजन दिख रहा है। पुरानों के साथ नए मरीज भी आ रहे हैं। एक दिन की ओपीडी में औसतन 150 मरीज आते हैं। इनमें 60 मरीज नए हैं। जबकि औसतन 100 मरीज पुराने हैं। यानि पुराने मरीजों के फेंफड़ों पर असर जरूर पड़ा है। अभी तक इसका अध्ययन नहीं किया गया है। लेकिन डाक्टरों का मानना है कि ऐसा कोविड संक्रमण के कारण हो सकता है।

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45 वार्ड में लगाए अतिरिक्त बेड एसएनएमसी के वक्ष और क्षय रोग विभाग में 45 बेड हैं। बीते 40 दिनों से सभी बेड फुल हैं। यहां भर्ती अधिकतर रोगी पुराने हैं। इनमें से भी सबसे ज्यादा टीबी के मरीज हैं। दवाइयां छोड़ने से इनका रोग बिगड़ गया है।

फरवरी तक रखना पड़ेगा ख्याल

डाक्टरों के मुताबिक इस बार सर्दी फरवरी तक असर दिखाएगी। ठंड के साथ सर्द हवाएं भी परेशान करेंगी। जिनके फेंफड़ों को थोड़ा भी नुकसान हुआ है उन पर मौसम का मिजाज भारी पड़ सकता है। इसलिए फरवरी तक गर्म कपड़े, गर्म पानी से नहाना, गर्म पानी पीना जरूरी हो जाता है।
 

KhabarBhoomi Desk-1

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