उत्तर प्रदेश

लखीमपुर खिरी तिकुनिया कांड के गवाह और भाई पर तलवार से हमला, मंत्री के बेटे आशीष पर आरोप

 लखीमपुरखीरी 
लखीमपुर में तिकुनिया कांड के गवाह के भाई को एक मुंडन पार्टी के दौरान मारपीट कर जख्मी कर दिया गया। जख्मी युवक का अरोप है कि दबंगों ने तलवार से हमला किया, हमला करने वाला तिकुनिया कांड के मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र आशीष का करीबी है। युवक ने दो लोगों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। तिकुनिया क्षेत्र के गांव कोल्हौरी निवासी सर्वजीत सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात वह मुंडन पार्टी में शामिल होने तिकुनिया गया था। बताया कि उसका भाई तिकुनिया कांड में गवाह है। इसी रंजिश में कार्यक्रम में उनके बीच बातचीत हो गई। आरोप है कि दो लोग आ गए और उससे मारपीट करने लगे। एक तलवार उठा लाया। उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर सर्वजीत पर हमला किया। जानलेवा हमले में सर्वजीत जख्मी हो गया। घटना के बाद आरोपी भाग गए। 
 

सर्वजीत का कहना है कि हमला करने वाला मंत्री पुत्र का करीबी है। पीड़ित ने दोनों के खिलाफ तिकुनिया कोतवाली में तहरीर दी है। सीओ निघासन संजय नाथ तिवारी का कहना है कि एक कार्यक्रम में दोनों पक्षों में मारपीट हुई है। एक युवक को चोट आई है। उसने तहरीर दी है जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। छानबीन की जा रही है। उधर भाकियू टिकैत गुट यूपी, उत्तराखंड प्रभारी बलजिंदर सिंह मान का कहना है कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। अगर जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो संगठन आंदोलन को मजबूर होगा।

खीरी कांड के पीड़ितों के मुआवजे में देरी का मुद्दा उठा
वहीं राज्यसभा में शुक्रवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी और घायल किसानों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने में देरी का मुद्दा उठाया। रालोद के जयंत चौधरी ने शून्यकाल के तहत उच्च सदन में यह मामला उठाया। शून्य काल के दौरान जयंत चौधरी ने लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों का एक साल बाद भी मुआवजा ना मिलने का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से इस दिशा में समुचित कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक दिसंबर, 2021 को लखीमपुर कांड ने देश के किसानों को झकझोर कर रख दिया था, जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई थी। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार ने आश्वासन दिया था कि घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा और चार मृतक किसानों के परिजनों में से एक को सरकारी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एक साल हो चुका है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
 

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KhabarBhoomi Desk-1

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