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दुर्ग। जिले में लंपी वायरस ने दस्तक दे दी है। पशु विभाग के चिकित्सकों ने इसकी पुष्टि की है। साथ ही संदिग्ध मवेशियों का ब्लड सैंपल लेकर टेस्ट के लिए रायपुर की लैब में भेजा गया है। चार मवेशियों में लंपी के लक्षण मिले हैं जिनमें से एक मवेशी की मौत भी हुई है।
वहीं दुर्ग के उप संचालक, पशु चिकित्सा विभाग डॉ. एमके चावला का कहना है कि अब तक एक ही पशु में लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं। उसका ब्लड सैंपल रायपुर भेजा गया है। वहां से भोपाल भेजा जाए। लैब में जांच होने के बाद ही तय हो पाएगा कि संदिग्ध मवेशी में लंपी के वायरस है या नहीं। अभी तक एक भी पशु में इस वायरस के होने की पुष्टि नहीं हुई है।
लंपी वायरस के क्या हैं लक्षण
डॉ. एसके मैती के मुताबिक लंपी वायरस भेंड़ और बकरी में पाये जाने वाले वायरस का अपग्रेड रूप है। यह गाय और भैंस प्रजाति के जानवरों में ही होता है। इसमें जानवर को तेज बुखार आता है। शरीर में ढ़ेर सारी छोटी-छोटी गांठ दिखने लगती है। पैरों में सूझन आ जाती है। तेज दर्द के कारण जानवर चल नहीं पाता है। उसका खाना कम हो जाता है।
लंपी से बचाव के लिए क्या बरते सावधानी
डॉ. मैती ने बताया कि लंपी वायरस गाय भैंस के अलावा दूसरे जानवर या इंसान में नहीं फैलता है। इसलिए उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। मवेशियों में ये न फैले इसके लिए सबसे जरूरी है कि दूसरे राज्यों से मवेशियों को यहां न लाएं। एक जानवर का चारा दूसरा जानवर न खाए। मच्छर, मक्खियों से बचाव करें। एक जनवर की सुई दूसरे जानवर को कभी न लगाएं। इससे यह वायरस तेजी से एक से दूसरे में फैलता है।
चार मवेशियों में मिले हैं लक्षण, 1 की मौत
गौ सेवकों की माने तो दुर्ग के खंडेलवाल कॉलोनी सहित अलग-अलग क्षेत्र में 4 मवेशियों में लंपी वायरस के लक्षण पाए गए हैं। इनमें से एक मवेशी की मौत भी हो चुकी हैं। इन चारों का ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। संक्रमित मवेशियों के दूसरे मवेशियों से अलग रखा गया है।
पड़ोसी राज्यों में संक्रमण दर तेज
लंपी वायरस का संक्रमण गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्यों में काफी अधिक है। यह सभी राज्य छत्तीसगढ़ राज्य से लगे हुए हैं। यहां बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत भी हुई है। इससे इस वायरस के छत्तीसगढ़ राज्य में फैलने का खतरा बना हुआ है।