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लूला डा सिल्वा लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े देश ब्राजील के नए राष्ट्रपति होंगे। उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो को हरा दिया है। लूला वामपंथी वर्कर्स पार्टी से हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वो 1 जनवरी 2023 को पद संभालेंगे, तब तक बोल्सोनारो केयरटेकर राष्ट्रपति बने रहेंगे।
30 अक्टूबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए दूसरे राउंड की वोटिंग हुई। लूला डा सिल्वा को 50.90%, जबकि बोल्सोनारो को 49.10% वोट मिले। ब्राजील के संविधान के मुताबिक, चुनाव जीतने के लिए किसी भी कैंडिडेट को कम से कम 50% वोट हासिल करने होते हैं। पिछले महीने हुई पहले राउंड की वोटिंग में लूला को 48.4%, जबकि बोल्सोनारो को 43.23% वोट मिले थे।
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दूसरी- भुखमरी। ब्राजील में 3.30 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर हैं, जो 2004 के बाद सबसे अधिक है। इसके चलते वैश्विक स्तर पर खाद्य और ईंधन की कीमतों को कम करने का सरकार पर दबाव है। तीसरी- खस्ताहाल अर्थव्यवस्था। ब्राजील दुनिया की 9वीं सबसे बड़ी अर्थव्यव्स्था है। लेकिन पिछले कुछ महीनों में यहां महंगाई की वजह से हालात बदतर हो गए हैं। दैनिक उपयोग की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की मार अमीरों की तुलना में गरीबों पर ज्यादा पड़ रही है, जिनकी औसत रोजाना खर्च क्षमता 1.90 डॉलर (150 रु.) से कम है। सिटीग्रुप के मुख्य अर्थशास्त्री एर्नेस्टो रेविल्ला ने कहा- महंगाई का यह दौर गरीबों और आय के समान बंटवारे के लिए ज्यादा हानिकारक है। इससे यह स्पष्ट है कि अब अशांति की ज्यादा आशंका है।