देश

लव जिहादी 15 जून से पहले दुकानें खाली कर दें वरना….तनाव के बीच उत्तरकाशी में लगे पोस्टर

 उत्तरकाशी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मुस्लिम युवक द्वारा नाबालिग हिंदू लड़की को भगाने की कोशिश का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। तनाव के कारण मुस्लिम व्यापारी अपनी दुकान खोलने से डर रहे हैं तो कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। इसी बीच मुस्लिम व्यापारियों को 15 जून तक अपनी दुकानें खाली करने को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं।

उत्तरकाशी के मेन मार्किट पुरोला में लगे पोस्टरों में मुस्लिम व्यापारियों से 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले अपनी दुकानें खाली करने को कहा गया है। देवभूमि रक्षा अभियान द्वारा लगाए गए पोस्टर में लिखा है, 'लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 15 जून, 2023 को होने वाली महापंचायत से पूर्व अपनी दुकानें खाली कर दें। यहि तुम्हारे द्वारा ऐसा नहीं किया जाता तो वक्त पर निर्भर करेगा।' पुलिस ने बताया कि 14 साल की लड़की के कथित अपहरण करने की कोशिश में एक 24 साल के स्थानीय दुकानदार उबेद खान और 24 साल के मोटरसाइकिल मैकेनिक जितेंदर सैनी को 27 मई को गिरफ्तार किया गया था। स्थानीय लोगों ने इसे लव जिहाद का मामला बताया है।

पुलिस ने हटाए पोस्टर

पोस्टर ऐसे समय पर लगाए गए हैं जब राइट विंग के सदस्यों द्वारा बरकोट में विरोध प्रदर्शन और मुस्लिमों की दुकानों और घरों पर कथित तौर पर हमला किया गया। पुलिस ने कहा कि हिंसा के पीछे मौजूद लोगों की पहचान करने की कोशिश जारी है। पुलिस ने यह भी कहा कि पोस्टर सोमवार को ही हटा दिए गए थे और उन्हें चिपकाने वालों की पहचान करने के लिए जांच की जा रही है। उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंशी ने कहा, 'हमने इन पोस्टरों को हटा दिया है और इन्हें चिपकाने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान कर रहे हैं।'

स्थानीय लोगों ने चिपकाए पोस्टर

मामले से वाकिफ लोगों के मुताबिक, पुरोला मेन मार्किट में 650-700 दुकानें हैं और इनमें से करीब 30-40 दुकानें मुस्लिम समुदाय की हैं। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के स्थानीय नेता ने कहा कि पोस्टर स्थानीय निवासियों ने चिपकाए थे। वीएचपी नेता वीरेंद्र राणा ने कहा, 'ये पोस्टर स्थानीय निवासियों द्वारा लगाए गए थे जो चाहते हैं कि एक विशेष समुदाय के लोग शांति और सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए शहर छोड़ दें। वे व्यापार करने के बहाने यहां आए थे लेकिन हमारे समुदाय की लड़कियों और महिलाओं को निशाना बना रहे हैं।'

शहर छोड़कर भागे कई व्यापारी

शहर में चल रहे तनाव की वजह से मुस्लिमों को अपनी दुकानें बंद रखनी पड़ रही हैं और कुछ मामलों में वे जिले से चले भी गए हैं। 35 साल के सलीम पुरोला में कपड़ों की दुकान चलाते हैं वह भागकर अपने भाई के घर देहरादून आए हैं। उन्होंने कहा, 'हम लगातार डर में जी रहे हैं और ऐसे माहौल में पुरोला नहीं लौट सकते। यदि वे चाहते हैं कि हम पहाड़ों को छोड़ दें, तो अधिकारियों को हमारे स्वामित्व वाली संपत्ति का हमें मुआवजा देना चाहिए।'

40 साल के एक दूसरे दुकानदार ने कहा, 'हम अपहरण की कोशिश की निंदा करते हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं। हम उन लोगों का समर्थन नहीं करते हैं जो आपराधिक और अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं।' सोमवार को, कुछ मुस्लिम परिवारों ने पुरोलो सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने बताया कि वे वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने दुकान खोलने के लिए सुरक्षा की मांग की। ज्ञापन में लिखआ गया है कि अगर मुस्लिमों के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार होगा।

नियंत्रण में है कानून-व्यवस्था

एसडीएम देवानंद शर्मा ने कहा, 'कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है। हम शहर में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।' बता दें कि 26 मई को उत्तरकाशी में उस समय तनाव पैदा हो गया जब दो लोगों ने कथित तौर पर नाबालिग को अगवा करने की कोशिश की। इसमें एक युवक अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखता है। पुलिस ने कहा कि अपहरण की कोशिश विफल होने के बाद आरोपी फरार हो गए थे और अगले दिन उन्हें हुडोली गांव से गिरफ्तार किया गया।

 

KhabarBhoomi Desk-1

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button