मध्यप्रदेश

महाकाल मंदिर में कावड़ यात्रियों को विशेष द्वार से मिलेगा प्रवेश

उज्जैन

 विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण मास में देशभर से आने वाले कावड़ यात्रियों को सप्ताह में चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक विशेष द्वार से प्रवेश मिलेगा। इसके लिए कावड़ यात्रा संघ के प्रमुख को मंदिर कार्यालय में आवेदन कर विधिवत अनुमति प्राप्त करना होगी। यह निर्णय रविवार को मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया। प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया श्रावण मास में देशभर से कावड़ यात्री भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने उज्जैन आएंगे।

कावड़ संघ को पहले लेनी होगी अनुमति

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सैकड़ों किलोमीटर पदयात्रा कर महाकाल के दरबार में आने वाले कावड़ियों को विशेष सुविधा देने का निर्णय लिया गया है। श्रावण मास में सप्ताह में चार दिन मंगलवार, बुधवार, गुरुवार व शुक्रवार को कावड़ यात्रियों को मंदिर के 4 नं.गेट से शीघ्र दर्शन टिकट वाले दर्शनार्थियों के साथ मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए कावड़ संघ को पूर्व में अनुमति लेना अनिवार्य है। शनिवार, रविवार व सोमवार को आने वाले कावड़ यात्री व कावड़ संघों को सामान्य दर्शनार्थियों की कतार में लगकर मंदिर में प्रवेश करना होगा।

चौरासी महादेव यात्रियों के लिए चार दिन खुलेगा परिसर

धर्मधानी उज्जैन में अधिक मास के दौरान चौरासी महादेव, सप्त सागर व नौ नारायण की यात्रा का विधान है। अधिक मास में देशभर से भक्त यहां तीर्थाटन करने आते हैं। इस बार 20 साल बाद श्रावण अधिक मास का संयोग बन रहा है। ऐसे में हजारों यात्री उज्जैन आएंगे। महाकाल मंदिर में चौरासी में से चार महादेव मंदिर है। इन मंदिरों में प्रवेश के लिए भक्तों को विशेष सुविधा देने का निर्णय भी बैठक में लिया गया।

 

समिति सदस्य पं.राम पुजारी ने चौरासी महादेव यात्रा करने वाले भक्तों के परिसर में प्रवेश का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में चौरासी महादेव के चार मंदिर हैं तथा महालोक के पास सप्त सागरों में से एक रूद्र सागर है। इनके दर्शन पूजन के लिए चौरासी महादेव व सप्त सागरों की यात्रा करने वाले दर्शनार्थियों को विशेष सुविधा दी जानी चाहिए। इस पर समिति सदस्यों ने सप्ताह में चार दिन मंगलवार, बुधवार, गुरुवार व शुक्रवार को भीड़ की स्थिति को देखते हुए परिसर में प्रवेश देने का निर्णय लिया।

 

श्रावण में चलित भस्म आरती व्यवस्था चालू रहेगी

श्रावण मास में चलित भस्म आरती व्यवस्था को भी चालू रखने का निर्णय लिया गया है। समिति के निर्णय अनुसार जिन भक्तों ने भस्म आरती दर्शन के लिए अनुमति ली है, वे बैठकर दर्शन करेंगे। जिन भक्तों ने अनुमति नहीं ली है, वे चलायमान व्यवस्था के तहत दर्शन करते हुए बाहर निकलेंगे। कार्तिकेय मंडपम से इनके दर्शन की व्यवस्था रहेगी।

10 बेड का हॉस्पिटल बनेगा

महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए 10 बेड का हास्पिटल बनाया जाएगा। प्रबंध समिति की बैठक में इसका निर्णय लिया गया। हास्पिटल में प्राथमिक व आकस्मिक चिकित्सा की संपूर्ण व्यवस्था रहेगी। अनुभवी डाक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ को भर्ती किया जाएगा।

सवा चार करोड़ की लागत से बनेंगे टॉयलेट

नवनिर्माण के चलते फिलहाल मंदिर परिसर में टॉयलेट आदि की सुविधा उपलब्ध नहीं है। फैसिलिटी सेंटरों में जरूर यह सुविधाएं उपलब्ध है। प्रबंध समिति की बैठक में चार महत्वपूर्ण स्थानों पर करीब सवा चार करोड़ रुपये की लागत से चार अत्याधुनिक टॉयलेट बनाने का निर्णय लिया गया। इसके पास ही मातृत्व कक्ष का निर्माण होगा।

KhabarBhoomi Desk-1

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