![](https://khabarbhoomi.com/wp-content/uploads/2022/10/661-e1664627017533.jpg)
इंदौर। स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता रैंकिंग एक अक्टूबर को घोषित हुई। इंदौर को छठी बार पहला स्थान मिला है। वहीं मध्य प्रदेश को बड़े राज्यों में पहला स्थान दिया गया है। त्रिपुरा छोटे राज्यों में पहले स्थान पर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी विजेताओं को बधाई देते हुए इंदौर मॉडल पूरे देश में लागू करने की आवश्यकता बताई।
क्यों मिल रहा है हमें छठी बार नंबर वन का खिताब
इस बार इंदौर को नंबर वन बनाने के पीछे काफी मेहनत की गई है। सर्वे में कचरे की प्रोसेसिंग, लिफ्टिंग, सेग्रीगेशन, सफाई, सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, कचरे को अलग- अलग निपटान करने जैसे मानक हैं, जो इंदौर बहुत पहले के सर्वेक्षण में ही पूरे कर चुका है और अब इंदौर थल, जल के बाद वायु प्रदूषण को खत्म करने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसके चलते उसे सेवन स्टार का दर्जा भी दिया जा रहा है। बता दें कि इस बार रेटिंग के लिए 7500 अंक का सर्वेक्षण हो रहा है। तीन हजार अंक डिजिटल ट्रेकिंग औऱ् सफाई मित्र सुरक्षा को लेकर हैं। जो हमे पूरे अंक मिले हैं। 2250 अंक का सर्टिफिकेशन (वाटर प्लस व सेवन स्टार रेटिंग) के हैं। इसके अंक भी हमे पूरे मिल रहे हैं। 2250 अंक सिटीजन वाइस और महामारी में तैयारी को लेकर है। इसमें भी इंदौर सबसे आगे रहा।
भोपाल को एक लाख से अधिक आबादी वाले शहर में 6वां स्थान मिला है।
स्वच्छता रैंकिंग में लगातार छठी बार नंबर वन रहकर शहरवासियों ने यह साबित कर दिया है कि शहर में सफाई शहर की आदत और संस्कार बन चुकी है। कड़े मुकाबले के बीच 4355 शहरों को पछाड़ते हुए इंदौर ने फिर स्वच्छता का ताज पहना। पुस्कार समारोह में स्वच्छता पर सिंगर शंकर महादेवन द्वारा गाया गीत भी लांच किया गया।
8 साल पहले रैंकिंग में 200 वे क्रम से भी नीचे थे इंदौर
स्वच्छता की यात्रा में सफलता पाने के लिए इंदौर ने बड़ी मेहनत की। आठ साल पहले शहर का स्वच्छता रैंकिंग में 200वें क्रम से भी नीचे का स्थान था। तब शहर में कचरा उठाने का काम ए टू जेड कंपनी के जिम्मे था। विधायक मालिनी गौड़ ने महापौर का पद संभाला और स्वच्छता पर फोकस किया। तत्कालीन निगमायुक्त मनीष सिंह ने निजी कंपनियों के बजाए निगम के कर्मचारियों के दम पर डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था शुरू की अौर धीरे-धीरे इंदौर सबसे साफ शहरों की श्रेणी में आ गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इंदौर ने जनभागीदारी का जो मॉडल अपनाया है, उसे सभी शहरों को अपनाना चाहिए। इंदौर मॉडल पूरे देश में लागू करने की आवश्यकता है। बड़े राज्यों में मध्य प्रदेश ने बाजी मारी है, यहां के नागरिकों को भी बधाई।
एक लाख से ज्यादा वाले स्थान पर इंदौर ने बाजी मारी है। दूसरे स्थान पर सूरत तो तीसरे स्थान पर नवी मुंबई है। एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में पहला स्थान महाराष्ट्र के पंचगनी को दिया गया है। दूसरा स्थान छत्तीसगढ़ के पाटन को मिला है। तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र का कराड़ शहर आया है। वहीं 100 से ज्यादा शहरों वाले राज्य में मध्य प्रदेश ने बाजी मारी है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों मेयर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने पुरस्कार लिया। भोपाल को एक लाख से अधिक आबादी वाले शहर में 6वां स्थान मिला है।
शहर में होगा लाइव प्रसारण
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि इंदौर शहर को स्वच्छता में लगातार छठवीं बार स्वच्छता का अवॉर्ड मिलने की संभावना को देखते हुए दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम का शहर के प्रमुख स्थानों पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जाएगा। राजबाड़ा, पलासिया चौराहा सेल्फी पॉइन्ट, मालवा मिल चौराहा, मेघदूत उपवन, खजराना मंदिर परिसर, रणजीत हनुमान मंदिर परिसर, बड़ा गणपति चौराहा, भंवरकुआ चौराहा, रीगल चौराहा, मरीमाता चौराहा, रेडिसन चौराहा के आसपास, तीन पुलिया चौराहा परदेशीपुरा, 56 दुकान नगर निगम प्रांगण पर लाइव प्रसारण किया जाएगा।