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भारत के 1 प्रतिशत सबसे अमीर के पास देश की 40% सम्पत्ति-खुलासा

दावोस
 भारत के 1 प्रतिशत सबसे अमीर लोग देश की 40 प्रतिशत संपत्ति रखते हैं। सोमवार(16 जनवरी) को इससे संबंधित एक नई स्टडी का खुलासा हुआ। स्टडी से पता चलता है कि नीचे की आधी आबादी के पास केवल 3 प्रतिशत संपत्ति है। स्टडी में कहा गया है कि भारत में अरबपतियों की कुल संख्या 2020 में 102 से बढ़कर 2022 में 166 हो गई। जानिए पूरी डिटेल्स…

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1.विश्व आर्थिक मंच(World Economic Forum) की वार्षिक बैठक के पहले दिन यहां अपनी वार्षिक असमानता रिपोर्ट(annual inequality report) का इंडिया सप्लिमेंट रिलीज करते हुए राइट्स ग्रुप ऑक्सफैम इंटरनेशनल(rights group Oxfam International) ने कहा कि भारत के 10 सबसे अमीरों पर 5 प्रतिशत कर लगाने से बच्चों को स्कूल वापस लाने के लिए पूरा पैसा मिल सकता है।

2. रिपोर्ट में कहा गया है, "सिर्फ एक अरबपति, गौतम अडानी पर 2017-2021 से अवास्तविक लाभ पर एकमुश्त टैक्स से 1.79 लाख करोड़ रुपये जुटाए जा सकते थे। यह पैसा एक साल के लिए पांच मिलियन से अधिक भारतीय प्राइमरी स्कूलों के टीचरों को रोजगार देने के लिए पर्याप्त था।" बता दें कि अवास्तविक लाभ(unrealized gain) का मतलब किसी परिसम्पत्ति के मूल्य में वृद्धि(increase in the value of an asset) से है।

3.सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट-Survival of the Richest टाइटल वाली रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अगर भारत के अरबपतियों पर उनकी पूरी संपत्ति पर 2 फीसदी की दर से एक बार टैक्स लगाया जाता है, तो इससे देश में अगले तीन साल तक कुपोषित लोगों के पोषण के लिए 40,423 करोड़ रुपये की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा।

4.देश के 10 सबसे अमीर अरबपतियों पर 5 प्रतिशत का एक बार का टैक्स (1.37 लाख करोड़ रुपये) हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री (86,200 करोड़ रुपये) और आयुष मंत्रालय ( 3,050 करोड़ रुपये) के वर्ष 2022-23 के अनुमानित धन से 1.5 गुना अधिक है।

5.लैंगिक असमानता(gender inequality) पर रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला श्रमिकों को एक पुरुष मजदूर  द्वारा कमाए गए प्रत्येक 1 रुपये के मुकाबले केवल 63 पैसे मिलते हैं।

6. अनुसूचित जाति और ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह अंतर और भी अधिक है। उदाहरण के तौर पर 2018 और 2019 के बीच लाभ प्राप्त सामाजिक समूहों की आय का 55 प्रतिशत अर्जित किया, जबकि बाद वाले ने शहरी आय का केवल आधा अर्जित किया।

7.टॉप 100 भारतीय अरबपतियों पर 2.5 प्रतिशत टैक्स लगाने या शीर्ष 10 भारतीय अरबपतियों पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाने से बच्चों को स्कूल में वापस लाने के लिए आवश्यक पूरी राशि लगभग मिल जाएगी।

8.ऑक्सफैम ने कहा कि रिपोर्ट भारत में असमानता के प्रभाव का पता लगाने के लिए गुणात्मक और मात्रात्मक(qualitative and quantitative) जानकारी का मिश्रण है। वहीं, देश में धन असमानता और अरबपतियों की संपत्ति को देखने के लिए फोर्ब्स और क्रेडिट सुइस जैसे सेकंडरी सोर्स का उपयोग किया गया है, जबकि एनएसएस, केंद्रीय बजट दस्तावेज, संसदीय प्रश्न आदि जैसे सरकारी स्रोतों का उपयोग रिपोर्ट के माध्यम से किए गए तर्कों की पुष्टि करने के लिए किया गया है।

9.ऑक्सफैम ने कहा कि चूंकि नवंबर 2022 से कोरोना महामारी शुरू हुई, तब से भारत में अरबपतियों की संपत्ति में वास्तविक रूप से 121 प्रतिशत या 3,608 करोड़ रुपये प्रति दिन की वृद्धि हुई है।

10.दूसरी ओर, गुड्स एंड सर्विस टैक्स(जीएसटी) में कुल 14.83 लाख करोड़ रुपये का लगभग 64 प्रतिशत 2021-22 में 50 प्रतिशत आबादी से से आया, वहीं केवल 3 प्रतिशत जीएसटी टॉप-10 प्रतिशत से आया

11.ऑक्सफैम ने कहा कि भारत में अरबपतियों की कुल संख्या 2020 में 102 से बढ़कर 2022 में 166 हो गई। इसमें कहा गया है कि भारत के 100 सबसे धनी लोगों की संयुक्त संपत्ति 660 अरब डॉलर (54.12 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गई है। यह एक ऐसी राशि है, जो 18 महीने से अधिक के पूरे केंद्रीय बजट को फंड दे सकती है।

12.ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहार ने कहा, "देश के वंचित दलित, आदिवासी, मुस्लिम, महिलाएं और अनौपचारिक क्षेत्र के कर्मचारी एक ऐसी प्रणाली में पीड़ित हैं, जो सबसे अमीर लोगों के अस्तित्व को सुनिश्चित करता है। मतलब अमीरों के लिए ही ऐसी प्रणाली बनाई गई है।

13.रिपोर्ट में कहा गया कि गरीब अधिक करों का भुगतान कर रहे हैं, अमीरों की तुलना में आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर अधिक खर्च कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि अमीरों पर टैक्स लगाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे अपने उचित हिस्से का भुगतान करें।"

14. अमिताभ बेहार ने केंद्रीय वित्त मंत्री से धन कर और उत्तराधिकार कर( wealth tax and inheritance tax) जैसे प्रगतिशील कर उपायों को लागू करने का आग्रह किया, जो उन्होंने कहा कि असमानता से निपटने में ऐतिहासिक रूप से प्रभावी साबित हुए हैं।

15. 2021 में फाइट इनइक्वलिटी एलायंस इंडिया (एफआईए इंडिया) द्वारा एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण का हवाला देते हुए ऑक्सफैम ने कहा कि यह पाया गया कि भारत में 80 प्रतिशत से अधिक लोग अमीरों और निगमों पर टैक्स का समर्थन करते हैं, जिन्होंने कोविड -19 महामारी के दौरान रिकॉर्ड मुनाफा कमाया।

16.ऑक्सफैम इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने कहा कि हमें मजबूत सार्वजनिक सेवाओं, खुशहाल और स्वस्थ समाज के लिए इस तरह के इनोवेशन की जरूरत है।

 

KhabarBhoomi Desk-1

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