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कानपुर
तीन लाख की घूस और भ्रष्टाचार में नौ महीने से जेल में बंद ईपीएफओ के प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव के पास से आय से अधिक सम्पत्ति मिली है। सीबीआई ने 58 लाख रुपये से ज्यादा सम्पत्ति मिलने पर एसीबी लखनऊ थाने में नई एफआईआर दर्ज की है। प्रवर्तन अधिकारी के पास से उसके नाम और परिवारीजनों के नाम से लाखों की चल और अचल सम्पत्ति होने का खुलासा किया गया है।
सीबीआई इंस्पेक्टर अमित कुमार ने एसीबी लखनऊ में गुरुवार को एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में 2020 से 2022 तक प्रवर्तन अधिकारी की भ्रष्टाचार में अर्जित की गई संपति का खुलासा किया गया है। एफआईआर में कहा गया है अमित ने एक जनवरी 2020 से 25 अप्रैल 2022 तक 71 लाख कमाए पर आय इस दौरान 19.49 लाख की हुई। 6.55 लाख खर्च किए इसलिए 58 लाख की रकम आय से अधिक पाई गई। वहीं प्रवर्तन अधिकारी को ईपीएफओ ने सस्पेंड कर क्षेत्रीय भविष्य निधि संगठन कानपुर से कोलकता क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय अटैच कर दिया है।
अधिकारी और पत्नी के खातों में मिले 71 लाख
एसबीआई में उनके और उनकी पत्नी के खातों में 71 लाख का कैश पाया है। श्याम नगर के घर से भी 2.92 लाख के सामान का भी हवाला दिया गया है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में प्रवर्तन अधिकारी की आय, खर्च, बैंकों में जमा रकम और अचल सम्पत्ति का पूरा ब्योरा दर्ज किया है। सीबीआई जांच में पाया गया कि एक जनवरी 2020 से 25 अप्रैल 2022 के बीच प्रवर्तन अधिकारी व परिवार के पास 71 लाख रुपये से ज्यादा की रकम बैंक में मिली। इस दौरान उसने 6.55 लाख रुपये खर्च किए। जबकि इसी अवधि में वेतन 19.49 लाख रुपये मिला। वेतन के अलावा 58 लाख रुपये बैंक खातों में कहां से आए, इसका संतोषजनक जवाब सीबीआई को नहीं मिला। घूस के आरोप में बंद ईपीएफओ के प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव के पास से कानपुर में सीबीआई ने लाखों की अवैध धनराशि होने का खुलासा किया है। स्वर्ण जयंती विहार में 23 लाख की कीमत का प्लॉट पाया है।
बीते साल तीन लाख की घूस में पकड़े गए थे
ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर में सीबीआई की टीम ने बीती 25 अप्रैल को तीन लाख की घूस लेने में प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तन को रंगेहाथों पकड़ था तभी से वह जेल में बंद हैं। अभी तक उनकी जमानत तक नहीं हुई है। जमानत अर्जी बीते साल हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी थी। सीबीआई ने प्रवर्तन अधिकारी पर काकादेव में हाल ही में खरीदे गए मकान के आरोप पर जांच शुरू कर दी है। मकान किसका है और कौन मालिक है, इसकी पूछताछ जारी है।
9 साल पहले भी क्लर्कों को सीबीआई ने पकड़ा
9 साल पहले भी सीबीआई ने इसी ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय में क्लर्क दिलीप रस्तोगी और अशोक सिंह को भी 13 हजार की घूस में पकड़ा था। दोनों की गिरफ्तारी के बाद 6 माह की जेल की सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई थी। दोनों कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं और पेंशन मिल रही है। दोनों कर्मचारी हाईकोर्ट में अपील में चले गए हैं।
ये मिली आय से अधिक सम्पत्ति
-स्वर्ण जयंती विहार में प्लॉट
-प्रवर्तन अधिकारी के इंडियन ओवरसीज बैंक सर्वोदय नगर खाते में 43.61 लाख
-प्रवर्तन अधिकारी की पत्नी पारुल श्रीवास्तव के इंडियन ओवरसीज बैंक, सर्वोदय नगर के खाते में 27.50 लाख
-एसबीआई पांडु नगर शाखा के खाते में 26 हजार