लखनऊ. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फ़ोर्स (UP STF) ने गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना को जानी में भोला की झाल पर मुठभेड़ में मार गिराया है। दुजाना के ख़िलाफ़ हत्या, रंजदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट समेत 64 से अधिक केस दर्ज थे। वहीं दो मुकदमों में उसे सजा भी हुई थी। दिल्ली और यूपी पुलिस लगातार इस कुख्यात अपराधी की तलाश कर रही थी।
15 से 20 राउंड की फायरिंग
स्पेशल डीजी व ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि अनिल दुजाना कार से अपने साथियों से मिलने जा रहा था। इस दौरान मुखबिर की सूचना पर बागपत से मुजफ्फरनगर के रास्ते एसटीएफ टीम के साथ उसका आमना-सामना हुआ तो उसने अपना रास्ता बदल लिया। इसके बाद गाड़ी टकरा गयी और टीम पर फ़ायरिंग करने लगा। प्रशांत कुमार के मुताबिक़, उसकी तरफ़ से 15 से 20 राउंड फायरिंग की गई। जवाबी कार्रवाई में अनिल दुजाना के गोली लगी जिससे उसकी मौत हो गयी।
भारी मात्रा में बरामद हुई कारतूस
प्रशांत कुमार ने बताया कि इस कुख्यात बदमाश की पुलिस मुख्यालय और शासन स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही थी। जेल से छूटने के बाद भी इसके द्वारा एक परिवार को धमकी दी जा रही थी। उसके पास एक 32 MM पिस्टल, एक 30 MM की पिस्टल, एक 15 बोर का तमंचा और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए है। उस पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका था। गैंगस्टर सुंदर भाटी पर वह एके-47 से हमले का आरोपी था।
कारोबारी से मांगी थी एक करोड़ रुपए की रंगदारी
दुजाना के गुर्गों ने जनवरी 2019 को दिल्ली के नंद नगरी के कारोबारी से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। वह 9 साल बाद जनवरी 2021 में जमानत पर बाहर आया था। 16 अक्टूबर 2021 में सिकंदराबाद के एक कारोबारी से उसने एक करोड़ की रंगदारी मांगी थी। खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद हत्याकांड में गवाह उनकी पत्नी को भी धमकाया था। वह दोनों केसों में वॉन्टेड चल रहा था।
अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में आतंक का पर्याय माना जाता था। करीब दस दिन पहले वह जेल से रिहा हुआ था। जेल से रिहा होते ही उसने गौतमबुद्ध नगर में अपने खिलाफ गवाही दे रहे लोगों को धमकियां दी थीं।
अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर में दादरी क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला था। वह पिछले करीब 3 दशकों से जरायम की दुनिया में सक्रिय था। अनिल दुजाना पर गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग जिलों में करीब 50 मुकदमे चल रहे हैं। जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूटपाट, रंगदारी, जान से मारने की धमकी देने, बलवा, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर अधिनियम और एनएसए के तहत मुक़दमे चल रहे हैं।
अनिल दुजाना उत्तर प्रदेश के टॉप बदमाशों में शामिल था। कुछ दिनों पहले यूपी के टॉप 65 माफियाओं की लिस्ट योगी आदित्यनाथ कार्यालय से जारी की गई थी। जिसमें ग्रेटर नोएडा के अनिल दुजाना का नाम भी शामिल है। इस लिस्ट में गौतमबुद्ध नगर जिले के सात माफिया शामिल थे। जिनमें से इस समय 6 जेल में बंद है। अनिल दुजाना जेल से बाहर आने के बाद फरार चल रहा था।
दस दिन पहले ही मिली थी जमानत
अनिल नागर उर्फ़ अनिल दुजाना का गांव दुजाना है। यह गांव गौतमबुद्ध नगर जिले की बादलपुर कोतवाली क्षेत्र में पड़ता है। अनिल दुजाना बादलपुर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर था। उसके खिलाफ 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। करीब 10 दिन पहले अनिल जेल से जमानत पर रिहा हुआ था। रिहा होते ही उसने गौतमबुद्ध नगर में अपने खिलाफ गवाही दे रहे लोगों को धमकियां दी थीं। एक कारोबारी से रंगदारी मांगी थी। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने अनिल दुजाना के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस के सात स्पेशल टीम अनिल दुजाना का पीछा कर रही थीं।
कुख्यात सुंदर भाटी से चल रही थी अदावत
दुजाना पर 18 मर्डर और 62 गंभीर अपराधिक मामलों का केस दर्ज है। हत्या, फिरौती, डकैती, जमीन कब्जा और सुपारी लेकर हत्या का गैंग चलाता था। पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े गैंगस्टर सुंदर भाटी से अनिल दुजाना की अदावत चल रही थी। सुंदर भाटी इस समय जेल में है। भाटी पर दुजाना ने AK 47 से एक बार अटैक किया था। एक शादी समारोह के दौरान किए गए हमले में भाटी तो बच गया था लेकिन तीन लोग मारे गए थे। दुजाना की मौत के बाद अब भाटी गैंग सबसे ताकतवर और मजबूत हो गया है।
फिर से अपडेट की गई माफिया की लिस्ट
दरअसल, बीते दिनों अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद खबर आई थी कि, योगी सरकार अतीक अहमद के बाद अब माफिया सफाई अभियान चलाने जा रही है. उस दौरान 33 के बजाय 61 माफिया की सूची तैयार की गई थी, जिस पर सीएम योगी की मुहर लगनी बाकी थी.
स्पेशल डीजी ला एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, यूपी पुलिस ने शराब माफिया, पशु तस्कर, वन माफिया, खनन माफिया, शिक्षा माफिया आदि को चिह्नित कर इस बार 50 शासन द्वारा व 11 पुलिस मुख्यालय स्तर पर माफ़िया की सूची बनाई है. इनके गैंग को खत्म करने से लेकर उनकी 500 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का लक्ष्य भी रखा गया है. प्रशांत कुमार के मुताबिक भविष्य में इस सूची में नाम और बढ़ाए जा सकते हैं. इसी आधार पर ये लिस्ट 66 तक पहुंची थी. इनमें से अतीक-अशरफ की हत्या तो हो ही गई थी. इसके बाद गुरुवार को गैंगस्टर अनिल दुजाना का एनकाउंटर हो गया और अब इस सूची में 63 माफिया रह गए हैं.
इस लिस्ट में कुछ खास प्रमुख नामों पर डालते हैं एक नजर-
सुधाकर सिंह, प्रतापगढ़: टॉप 61 माफिया की लिस्ट में सुल्तानपुर के रहने वाले सुधाकर सिंह का नाम है. सुधाकर शराब माफिया है. वह प्रतापगढ़, सुल्तानपुर व आस-पास के जिलों में अवैध शराब का सबसे बड़ा तस्कर है. बीते साल पुलिस ने उसके अड्डों से करोड़ो की अवैध शराब बरामद की थी. सुधाकर के खिलाफ पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा था. अभी सुधाकर जेल में है.
गुड्डू सिंह, कुंडा: प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी संजय प्रताप सिंह उर्फ गुड्डू सिंह शराब माफिया है. बीते साल पुलिस ने हथिगवां के झाझा का पुरवा में करीब 12 करोड़ रुपये का शराब बनाने का केमिकल बरामद किया गया था. इसके पूर्व भी जगह-जगह शराब पकड़ी गई थी. इन सभी मामलों में संजय सिंह उर्फ गड्डू सिंह का नाम सामने आया था. यह भी जेल में है.
गब्बर सिंह , बहराइच: लिस्ट में अगला नाम है लूट, हत्या, डकैती, जमीनों पर कब्जा जैसे 56 मुकदमों के आरोपित देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह का. गब्बर सिंह, एक लाख का इनामी है और जिला पंचायत सदस्य भी है. देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह के खिलाफ फैजाबाद, गोंडा, सुलतानपुर, लखनऊ, बहराइच समेत कई जिलों में संगीन धाराओं में मुकदमे हैं. 27 मार्च 2020 को बहराइच में आयोजित एक कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंच पर चढ़ने के बाद चर्चा में आए गब्बर की मुश्किलें लगातार बढ़ गईं थीं.
उधम सिंह, मेरठ: योगी सरकार पार्ट-1 में टॉप 25 लिस्ट में उधम सिंह का पहले से नाम शुमार था. इस बार भी उसका नाम माफिया की सूची में है. उसका गिरोह मेरठ के अलावा वेस्ट यूपी के जिलों में लूट, डकैती, रंगदारी और सुपारी लेकर हत्या की वारदात करता था. फिलहाल उन्नाव जेल में बंद है.
योगेश भदौड़ा, मेरठ: उधम सिंह का सबसे बड़ा विरोधी मेरठ का कुख्यात अपराधी योगेश भदौड़ा है. भदौड़ा गैंग डी 75 का सरगना है. मेरठ के भदौड़ा गांव का रहने वाला है. इसके खिलाफ लूट, हत्या, अपहरण, आर्म्स एक्ट व गैंगस्टर जैसी संगीन धाराओं में 40 केस दर्ज हैं. भदौड़ा सिद्धार्थनगर जेल में बंद है. योगेश टॉप 25 लिस्ट में भी था.
बदन सिंह बद्दो: रहन – सहन और शक्ल -ओ- सूरत से यह अपराधी किसी हॉलीवुड एक्टर जैसा लगता है. पश्चिमी यूपी का माफिया बदन सिंह बद्दो दुनिया के किसी कोने में छुपा हुआ है. बद्दो के खिलाफ यूपी समेत कई राज्यों में हत्या, वसूली, लूट, डकैती के 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. इस वक्त उस पर ढाई लाख का इनाम घोषित है. साल 2019 से बद्दो फरार है. बद्दो टॉप 25 माफिया की लिस्ट में अपना नाम शुमार कर चुका है.
अजित चौधरी अक्कू: मुरादाबाद का माफिया अजित चौधरी वसूली भाई के नाम से फेमस है. उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी समेत 14 मुकदमे दर्ज हैं.
धर्मेंद्र किरठल: बागपत के कुख्यात किरठल के खिलाफ 49 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें हत्या के 15 से ज्यादा मुकदमे हैं. उसे एसटीएफ ने देहरादून से 2021 को गिरफ्तार किया था.
सुनील राठी: बागपत का रहने वाला कुख्यात सुनील राठी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े माफिया में शुमार है. राठी मंडोली जेल में बंद है. सुनील राठी वह शख्स है, जिसकी क्राइम हिस्ट्री पर सरकारों के बदलने का भी कभी कोई फर्क नहीं पड़ा. सरकारें आती जाती रहीं, लेकिन, सुनील राठी अपने वर्चस्व और दबदबे को बनाए रखने में कामयाब रहा. चाहे वह जेल के अंदर हो या फिर जेल से बाहर. योगी सरकार में ही राठी ने बागपत जेल में कुख्यात मुन्ना बजरंगी की हत्या की थी. राठी टॉप 25 माफिया की लिस्ट में भी था.