कराची
पाकिस्तान में चुनाव होने को हैं। इस दौरान सत्ता में काबिज होने के लिए शहबाज शरीफ की सरकार लोगों को खैरात बांट रही है। पाकिस्तान सरकार के इस कदम पर आईएमएफ का गुस्सा भड़का है। पाकिस्तानी सरकार को आईएमएफ की तरफ से सख्त निर्देश है कि वे बिना अनुमति के सब्सिडी नहीं देंगे। आईएमएफ की यह चेतावनी तब आई जब पाकिस्तान वित्तीय संस्थान से लोन की आशा कर रहा है। पाकिस्तान अपनी माली हालत को सुधारने के लिए लगातार आईएमएफ के सामने हाथ फैलाए हुए है। मगर अपने सख्त नियमों के मद्देनजर आईएमएफ पाकिस्तान को फंड रिलीज करने में देरी कर रहा है।
आईएमएफ का कहना है जब तक पाकिस्तान के पास पर्याप्त मुद्रा कोष उसके खजाने में नहीं होता वह लोन रिलीज नहीं करेगा। आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान ने इस्लामिक देशों – सऊदी अरब और यूएई से मदद मांगी थी। इस्लामिक मुल्कों से दी जाने वाली मदद पाकिस्तान के लिए नाकाफी साबित हो रही है। ऐसे में अब पाकिस्तान ने अमेरिका का भी दरवाजा खटखटाया है।
अमेरिका की शरण में पहुंचा पाक
पाकिस्तान ने एक बार फिर अमेरिका से अनुरोध किया है कि वह आईएमएफ के साथ स्टाफ स्तर के समझौते को आगे बढ़ाने में उसकी मदद करे। वित्त मंत्री इशाक डार से अमेरिकी राजदूत एंड्रयू शोफर ने मुलाकात की, जिसमें दोनों नेताओं ने पाकिस्तान के सामने व्यापार और आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा की और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की। पाकिस्तान ने एक बार फिर अमेरिका के साथ हस्तक्षेप का स्वागत किया है ताकि आईएमएफ को स्टाफ स्तर के समझौते का विस्तार किया जा सके और आईएमएफ को राजी किया जा सके। हालांकि, आईएमएफ के साथ पाकिस्तान की स्टाफ स्टर की 11वीं बैठक होने वाली है। 9वीं और 10वीं बैठक बेनतीजा रही है, इसके लिए पाकिस्तान ने आईएमएफ पार राजनीति करने का आरोप लगाया था।
कब देंगे सऊदी और यूएई लोन
पाकिस्तान लगातार आईएमएफ से 5 बिलियन डॉलर के आर्थिक मदद पाना चाहता है, मगर आईएमएफ अपने सख्त नियमों को लेकर पाकिस्तान को आर्थिक मदद प्रदान करने में लगातार विचार कर रहा है। वहीं सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने दो अरब डॉलर और एक अरब डॉलर के आर्थिक सहयोग की पुष्टि की गई थी। पाकिस्तान को उम्मीद है कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जल्द ही इस संबंध में औपचारिक समझौते करेंगे। पाकिस्तान, विश्व बैंक से और एआईआईबी से भी आर्थिक मदद मिलने की आशा रखता है।
लगातार घट रहा है विदेशी मुद्रा भंडार
पाकिस्तान उधर वित्तीय संस्थानों से आर्थिक मदद की उम्मीद में है वहीं आर्थिक मसले पर देश के अंदर हालत खराब है। लगातार महंगाई और रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के बढ़े दामों से आम जीवन काफी प्रभावित है। पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय के पूर्व सलाहकार डॉ. खाकान नजीब ने कहा कि आईएमएफ की अभी नौवीं समीक्षा अधूरी है, जबकि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर केवल 4.4 अरब डॉलर रह गया है।