धर्म

हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी बहुत महत्वपूर्ण, दिलाता है नरक की यातनाओं से मुक्ति

हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है. इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 को है. इस दिन के बाद से जगत के पालनहार विष्णु जी योग निद्रा में चले जाते है, देवों का शयनकाल शुरू हो जाता है जो चार माह बाद यानी कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी पर खत्म होता है. इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है.

इस साल अधिकमास होने से विष्णु जी 5 महीने तक शयनकाल में रहेंगे. देवशयनी एकादशी पर हरिशयनी एकादशी और पद्मा एकादशी भी कहते हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि देवशयनी एकादशी का व्रत करने से वालों के नर्क की यातनाएं नहीं झेलनी पड़ी और उनका जीवन रोग, दोष मुक्त रहता है. देवशयनी एकादशी व्रत में कथा का जरुर श्रवण करें, इसके बिना व्रत व्यर्थ माना जाता है.

देवशयनी एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी का महत्व जानने की इच्छा जाहिर की. कथा के अनुसार सूर्यवंश में मांधाता नाम का प्रतापी और सत्यवादी राजा का राज था. राज्य की प्रजा राजा मांधाता से बेहद प्रसन्न थी क्योंकि वह अपनी प्रजा का पुत्र की भांति पालन करते थे. प्रजा सुख और धनधान्य से परिपूर्ण रहती थी.

राज्य में अकाल पड़ने से त्राहि-त्राहि मच गई

एक बार मांधाता राजा के राज्य में तीन साल तक बारिश नहीं हुई. राज्य में अकाल पड़ गया, सूखे के कारण प्रजा में अन्न और जल त्राहि-त्राहि  मच गई. अकाल से पीड़ित प्रजा एक दिन दुखी होकर राजा के पास जाकर इस समस्या का उपाय करने का आग्रह करने लगी. प्रजा की व्यथा सुनकर राजा ब्रह्माजी के पुत्र अंगिरा ऋषि के आश्रम में पहुंचे और इस समस्या का निवारण जानना चाहा.

देवशयनी एकादशी के व्रत के मिला सुखी जीवन

अंगिरा ऋषि ने अकाल से मुक्ति पाने के लिए राजा मांधाता से आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी का व्रत करने के लिए कहा. ऋषि ने कहा देवशयनी एकादशी  का व्रत सब सिद्धियों को देने वाला है और समस्त उपद्रवों को नाश करने वाला है. इस एकादशी का व्रत तुम प्रजा, सेवक तथा मंत्रियों सहित करो. राजा ने ऋषि के कहे अनुसार देवशयनी एकादशी व्रत का पालन किया, जिसके प्रताप से राज्य में तीन साल बाद फिर से हरियाली छा गई, अन्न-जल का अभाव खत्म हो गया और प्रजा सुखी-सुखी जीवन यापन करने  लगी.

देवशयनी एकादशी 2023
आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी तिथि शुरू – 29 जून 2023, प्रात: 03.18

आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी तिथि समाप्त – 30 जून 2023, प्रात: 02.42

    देवशयनी एकादशी व्रत पारण समय – दोपहर 01.48 – शाम 04.36 (30 जून 2023)

 

KhabarBhoomi Desk-1

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