मध्यप्रदेश

गौशालाओं में पानी-बिजली समस्या का निवारण करेंगे जिले के सक्षम अधिकारी

भोपाल

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी की अध्यक्षता में हुई मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड की कार्य- परिषद की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये। गौशालाओं में संरक्षित गौवंश के पीने के पानी और गौशालाओं में सतत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी अब संबंधित जिले के सक्षम अधिकारियों की होगी। बैठक में संचालक पशुपालन डॉ. आरके मेहिया, प्रबंध संचालक कुक्कुट विकास निगम एचबीएस भदौरिया, संयुक्त संचालक पंचायत एवं ग्रामीण विकास एमएल त्यागी, पीएस पटेल और रजिस्ट्रार बीएस शर्मा मौजूद थे।

स्थानीय निकाय निराश्रित गौवंश को गौशाला पहुँचाएंगे

बैठक में निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री गौसेवा योजना में पंचायत स्तर पर नवनिर्मित गौशालाओं में स्थानीय निकायों द्वारा सड़कों पर भटकने वाले निराश्रित गौवंश को पहुँचाएंगे। इससे निराश्रित गौवंश को पालन-पोषण मिलने के साथ किसानों की फसल भी सुरक्षित रहेगी। बैठक में नवीन गौशालाओं का पंजीयन और जिन गौशालाओं का पंजीयन हो गया है उनका अनुमोदन किया गया।

प्रशिक्षण प्रकोष्ठ का गठन

गौशालाओं में प्रशिक्षण प्रकोष्ठ का गठन किया जायेगा। प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर गौशाला संचालन में रूचि रखने वाले लागों को विभिन्न तरह के गौ-उत्पाद का निर्माण का प्रशिक्षण दिया जायेगा। मनरेगा में नवनिर्मित क्रियाशील गौशालाओं के सुचारू संचालन के लिए गौशाला संचालन एजेंसी के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जायेगा।

प्रदेश में कई जिलों में गौवंश वन्य-विहार विकसित किये जायेंगे। कार्य-परिषद ने जिलों में चिन्हित स्थानों पर जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही करने के निर्देश जारी करने का निर्णय भी लिया। गौ-संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष और अधिकारियों द्वारा प्रदेश की गौशालाओं का भम्रण कर सतत निरीक्षण किया जा रहा है। इन गौशालाओं की समस्याओं के निराकरण के निर्देश भी जारी किये गये।

 

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