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ईरान में चैम्पियन खिलाड़ी और कोच को दी गई फांसी, एंटी-हिजाब प्रदर्शन का किया था समर्थन

ईरान
ईरान में हिबाज के खिलाफ चल रहे भारी प्रदर्शन के बीच लगातार विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को फांसी की सजा दी जा रही है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को दो युवकों को फांसी दी गई है, जिनमें एक कराटे चैंपियन खिलाड़ी है, जबकि एक शख्स बच्चों के खेल का कोच है। ईरान में पिछले साल 16 सितंबर से लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है, जब पुलिस हिरासत में 22 साल की कुर्दिस लड़की महसा अमीनी की संदिग्ध मौत हो गई थी। महसा अमीनी को 'सही तरीके से हिजाब नहीं पहनने' की वजह से गिरफ्तार किया गया था।
 
ईरान में प्रदर्शनकारियों को फांसी
सीएनएन के मुताबिक, ईरान में अभी तक चार प्रदर्शनकारियों को फांसी दी गई है और ईरान के सरकार से संबंधित न्यूज चैनल फार्स न्यूज ने बताया कि, मोहम्मद मेहदी करमी और सैयद मोहम्मद हुसैनी को शनिवार सुबह फांसी दे दी गई। ईरान की न्यायपालिका को कवर करने वाली समाचार एजेंसी मिजान के मुताबिक, पिछले साल शासन-विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने वाले इस दोनों खिलाड़ी और कोच को 3 नवंबर को कारज में देश के बसीज अर्धसैनिक बल के सदस्य सैयद रूहोल्लाह अजामियन की हत्या का दोषी ठहराया गया था। वहीं, करामी की वकालत करने वाले वकील मोहम्मद हुसैन अघासी ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा कि, करमी को फांसी पर चढ़ाने से पहले उन्हें अपने परिवार से भी बात करने का अंतिम अधिकार नहीं दिया गया।
 

इस्लामिक सरकार की क्रूरता
सीएनएन और 1500Tasvir ने ईरानी मीडिया और ईरानी अधिकारियों के अलग अलग बयानों और रिसर्च के आधार पर दावा किया है, कि हाल के महीनों में कम से कम 41 और प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा मिली है, लेकिन यह संख्या और भी बहुत ज्यादा हो सकती है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारयों के अलावा ह्यूमन राइट हाई कमिश्नर (OHCHR) और यूरोपीय यूनियन ने ईरान सरकार से अपील की है, कि वो लोगों को फांसी देना बंद करे। OHCHR ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि, "हम दो और प्रदर्शनकारियों मोहम्मद मेहदी करामी और मोहम्मद होसैनी को जबरन स्वीकारोक्ति के आधार पर बिना किसी तफ्तीश के फांसी दिए जाने की निंदा करते हैं।" OHCHR ने इसे "चौंकाने वाली" बात कही है औऱ कहा कि, ईरान ने "अंतर्राष्ट्रीय आक्रोश के बावजूद" प्रदर्शनकारियों को मारना जारी रखा है।
 
नागरिकों के खिलाफ हिंसा
यूरोपीय संघ ने शनिवार को एक बयान में कहा कि, वह युवकों को मिली फांसी की सजा से "हैरान" है। यूरोपीय संघ ने इसे "ईरानी अधिकारियों द्वारा नागरिक प्रदर्शनों के खिलाफ हिंसक दमन का एक और संकेत" कहा। बयान में कहा गया है, कि "यूरोपीय संघ एक बार फिर ईरान के अधिकारियों से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मौत की सजा देने की निंदनीय प्रथा को तुरंत समाप्त करने का आह्वान करता है।" इसके साथ ही नॉर्वे स्थित गैर-लाभकारी संगठन ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) ने भी हत्याओं की निंदा की है और शनिवार को एक बयान में कहा है, कि "आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को मारा जा सकता है, अगर ईरान के खिलाफ उचित प्रतिक्रिया नहीं दी गई"। वहीं, ईरान के मानवाधिकार निदेशक महमूद अमीरी-मोगद्दम ने बयान में कहा कि, "फांसी जेल में प्रदर्शनकारियों की हत्या का विस्तार है और इसका कोई कानूनी आधार नहीं है।"

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