मध्यप्रदेश

4 हजार कर्मचारियों को न तो दफ्तरों में प्रवेश न कैसे काम करेंगे ये मालूम

भोपाल

राजधानी के सतपुड़ा भवन में लगी आग के बाद यहां काम करने वाले चार कर्मचारियों को मंगलवार को दफ्तर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। सरकार द्वारा इन कर्मचारियों को आगजनी के कारण बने हालातों पर अवकाश नहीं घोषित करने के चलते ये रोजाना की तरह दफ्तर पहुंचे और वहां पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक दिया।

ऐसे में यहां कर्मचारियों का भारी जमावड़ा रहा। हालांकि दफ्तरों के खुलने के करीब डेढ़ घंटे बाद सरकार ने सतपुड़ा भवन के कर्मचारियों के लिए मंगलवार को अवकाश घोषित कर दिया। बहरहाल अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कर्मचारी पूरी तरह से काम कब से शुरू करेंगे। सरकार ने इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

सतपुड़ा भवन के दो से छह फ्लोर के बीच संचालित दफ्तरों में लगी आग से सब कुछ खाक होने के बाद फिलहाल जो स्थिति है उसके मुताबिक कर्मचारियों को यहां बैठकर काम करने के लिए भी संसाधन उपलब्ध कराने की चुनौती है। कुर्सी-टेबल और आलमारियां और फाइलें सब कुछ खाक होने के कारण यहां क्या काम करना होगा? यह भी कर्मचारी समझ नहीं पा रहे हैं। कर्मचारी नेता लक्ष्मीनारायण शर्मा बताते हैं कि किसी को भी दफ्तर में नहीं घुसने देने से सभी बाहर रुके रहे।

अब सरकार के आगामी निर्देश का इंतजार कर्मचारियों को है कि कब से कैसे और कहां बैठकर काम करना है क्योंकि न तो कुर्सियां हैं और न फाइलें हैं तो दिक्कत होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि सोमवार को लगी आग के बाद मंगलवार को दफ्तर आने के लिए किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई थी। इसलिए कर्मचारी कार्यालय पहुंचे थे।

कोरोना खरीदी, लोकायुक्त छापे की फाइलें जलीं
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार आग के कारण सिर्फ स्थापना ही नहीं बल्कि कोरोना काल में हुई खरीदी से संबंधित फाइलें और लोकायुक्त छापे के दस्तावेज जले हैं। इसके अलावा शिकायत और योजनाओं पर खर्च से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी इस आग में खाक हो गए हैं।

कई दफ्तरों में रेनोवेशन पर हुए थे करोड़ों खर्च
इस बिल्डिंग में लगने वाले दफ्तरों में कई दफ्तरों का रेनोवेशन कराया गया था। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एक हफ्ते पहले ही नए रेनोवेशन के बाद दफ्तर में बैठना शुरू किए थे। यहां 13 हजार रुपए की एक कुर्सी खरीदी गई थी। इस तरह करोड़ों रुपए का नुकसान अकेले स्वास्थ्य विभाग में हुआ है। इसके अलावा आदिम जाति विकास विभाग और परिवहन विभाग के केंद्र और राज्य सरकार से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जले हैं।

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