यूपी
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया। योगी ने कहा कि अब हर जिले में उसकी जीडीपी और विकास के संतुलन के आधार सड़कों का निर्माण किया जाएगा। ऐसे नहीं होगा कि जहां बीजेपी के विधायक नहीं है वे जिले सड़क निर्माण और पुनिर्माण से वंचित रह जाएंगे। किसी की मानमानी नहीं चलेगी। सभी जिलों के विकास के लिए काम होगा। सीएम योगी के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने सड़क निर्माण के चयन और धन आवंटन की नियमावली बना दी है। जल्द ही इस नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी।
पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि सभी लोकसभा क्षेत्रों में समग्र विकास हो, कोई जिला छूट न जाए लिहाजा, मुख्यमंत्री के मार्ग निर्देशन में यह नीति बनाई गई है। इससे दो लाभ होंगे। सभी विधायक अपने क्षेत्रों में एकसमान ढंग से विकास करा सकेंगे और दूसरा यह कि विभागीय इंजीनियरों-बाबुओं के गठजोड़ द्वारा चहेतों को सड़क निर्माण में किया जाने वाली मनमानी बंद होगी। इसी के साथ सड़क निर्माण के लिए दी जाने वाली धनराशि के लिए उस जिले की जीडीपी(सकल घरेलू उत्पाद) देखी जाएगी। देखा जाएगा कि वहां कितना विकास हुआ है। जिले की जीडीपी कम है तो उसे ज्यादा धनराशि दी जाएगी। जहां जीडीपी ज्यादा है उसे अपेक्षाकृत सड़क निर्माण के लिए कम पैसा दिया जाएगा। यह आवंटन सकल घरेलू उत्पाद देख कर ही दिया जाएगा।
यूपी में सड़क निर्माण के 10 मानक तय
आपको बता दें कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने यूपी में सड़क निर्माण के 10 मानक तय किए हैं। इसमें हर मानक के अलग से अंक रखे गए हैं। जैसे किसी विधायक को उसके जिले में सड़क निर्माण का आवंटन करने के लिए देखा जाएगा कि सड़क उद्योग के लिए है या फिर वहां पर ट्रैफिक की समस्या है। साथ में देखा जाएगा कि सड़क से कितने गांव जुड़ रहे हैं। सड़क राजमार्ग के करीब है या नहीं। भौगोलिक स्थिति, जिला मुख्यालय से निकटता, गांव की आबादी जिसे सड़क बनने का लाभ हो आदि का आंकलन किया जाएगा। सभी मानक के लिए दस नंबर रखे गए हैं। मानक पर खरा उतरने के बाद ही जिले के प्रतिनिधि को सड़क निर्माण का आवंटन किया जाएगा।