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चेन्नई की हार के साथ-साथ धोनी के नौवें पर उतरने की खूब चर्चा हो रही है, माही के इस फैसले से फैंस का दिल टूटा

नई दिल्ली
चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) को आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के हाथों 50 रनों से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। आरसीबी ने शुक्रवार को चेपॉक में 196/7 का स्कोर बनाया और सीएसके को 146/8 पर रोक दिया। चेन्नई की ओर से रचिन रविंद्र (31 गेंदों में 41, पांच) ने सर्वाधिक रन जुटाए जबकि दिग्गज विकेटकीपर-बल्लेबाज एमएस धोनी के बल्ले से 16 गेंदों में नाबाद 30 रन बनाए। 43 वर्षीय धोनी ने 9वें पर उतरने के बाद तीन चौके और दो छक्के जमाए। सीएसके के पूर्व कप्तान पहली बार नौवें नंबर पर आए। आरसीबी ने 17 साल बाद चेपॉक में सीएसके को मात दी है।

चेन्नई की हार के साथ-साथ धोनी के नौवें पर उतरने की खूब चर्चा हो रही है। माही के इस फैसले से फैंस का दिल टूट गया है। उनकी कड़ी आलोचना हो रही है। कोई धोनी को सेल्फिश क्रिकेटर कह रहा तो कोई उन्हें रिटायरमेंट की सलाह दे रहा। बता दें कि धोनी जब 16वें ओवर में बैटिंग के लिए आए तो चेन्नई को जीत के लिए 98 रनों की जरूरत थी। हालांकि, धोनी ने शुरुआती चार गेंदों में महज दो रन बनाए। उन्होंने 19वें ओवर में दो चौके लगाकर अपने हाथ खोले और फिर 20वें ओवर में दो छक्के और एक चौका जमाया। एक यूजर ने कमेंट किया, ''मैं धोनी का बहुत बड़ा फैन हूं लेकिन कल रात वह स्वार्थी दिखे। वह जीत के लिए नहीं बल्कि अपने एंटरटेनमेंट के लिए खेले।''

दूसरे ने कहा, ''ईमानदारी से कहूं तो धोनी को अब रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। अगर आप उस समय शीर्ष क्रम में नहीं आ सकते, जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत हो तो कोई फायदा नहीं। सिर्फ दर्शकों के लिए कुछ छक्के मारना ठीक नहीं है। आप टीम के लिए कुछ भी अच्छा नहीं कर रहे हैं।'' तीसरे ने कहा, ''मुझे यह इंसान बिलकुल पसंद नहीं है। यह सब सिर्फ हाइप के लिए कर रहे हैं। पहले मैं उनके खेलने के पक्ष में था लेकिन अब नहीं।'' धोनी को सिर्फ अटेंशन चाहिए। रिटायरमेंट का हथकंडा बंद करो।'' बता दें कि पिछले कई सालों से धोनी के आईपीएल रिटायमेंट की अटकलें लग रहीं। धोनी ने साल 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लिया था और सिर्फ आईपीएल में खेलते हैं।

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आरसीबी से शिकस्त के बाद चेन्नई के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ ने खराब फील्डिंग पर हार का ठीकरा फोड़ा। गायकवाड़ ने कहा, ''मुझे अभी भी लगता है कि इस मैदान पर 170 का स्कोर सही था। यहां बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। खराब फील्डिंग के कारण हमने मैच गंवाया। अगर आप 170 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे होते तो कुछ समय और होता लेकिन 20 रन फालतू देने से पावरप्ले में अलग तरीके से खेलना होता है जो हम नहीं खेल पाए।'' कप्तान ने कहा, ''हमने कैच टपकाए और उनके बल्लेबाज चौके छक्के लगाते रहे। उनकी रनगति आखिरी ओवर तक धीमी नहीं हुई। हमें लगता है कि फील्डिंग पर हमें काफी मेहनत करनी होगी।''

 

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