चित्रकूट की हरी-भरी वादियां और तपस्या में लीन ऋषि-मुनियों का आश्रम. यहां के आश्रम में आपको ढेर सारे पीपल के पेड़ दिख जाएंगे. पीपल के पेड़ के रहस्य को जानकर आप जी उसका आशीर्वाद लेने लगेंगे, कहा जाता है कि पीपल के वृक्ष में देवताओं का वास होता है और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता हैं. यहीं नहीं बल्कि पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का भी वास माना गया है.इसलिए पीपल की पूजा करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है.जानिए आखिर क्यों हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को पूजना शुभ माना जाता है.
पीपल के पेड़ की जड़ में विष्णु जी, तने में केशव, शाखओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फलों में सभी देवता निवास करते हैं.पीपल का वृक्ष भगवान विष्णु स्वरूप है.महात्मा इस वृक्ष की सेवा करते हैं और यह वृक्ष मनुष्यों के पापों को नष्ट करने वाला है.इसके साथ ही पीपल में पितरों और तीर्थों का निवास होता है.
पीपल वृक्ष से लाभ जाने
पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए रोजाना पीपल की जड़ में जल अर्पित करना लाभकारी होगा. इसके साथ ही पीपल के पौधे लगाना शुभ होगा. रोजाना पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है.
पुराणों में क्या है पीपल का महत्व
चित्रकूट के महंत मोहित दास महाराज बताते हैं कि स्कंद पुराण में पीपल के पेड़ के बारे में बताया गया है कि आखिर वह इतना महत्वपूर्ण क्यों है? मूले विष्णु: स्थितो नित्यं स्कन्धे केशव एव च।नारायणस्तु शारवासु पत्रेषु भगवान् हरि:।।फलेऽच्युतो न सन्देह: सर्वदेवै: समन्व स एवं ष्णिुद्र्रुम एव मूर्तो महात्मभि: ेवितपुण्यमूल:यस्याश्रय: पापसहस्त्रहन्ता भवेन्नृणां कामदुघो गुणाढ्य:।।
इस श्लोक का अर्थ बताते हुए कहते है कि पीपल के पेड़ की जड़ में विष्णु जी, तने में केशव, शाखओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फलों में सभी देवता निवास करते हैं.पीपल का वृक्ष भगवान विष्णु स्वरूप है.महात्मा इस वृक्ष की सेवा करते हैं और यह वृक्ष मनुष्यों के पापों को नष्ट करने वाला है.
पीपल का पेड़ शुभ और लाभकारी
इसके साथ ही पीपल में पितरों और तीर्थों का निवास होता है. यही वजह है कि पीपल के पेड़ की पूजा और पीपल का पेड़ लगाना चेतना शुभ और लाभकारी माना जाता है.चित्रकूट में पीपल के वृक्ष का जगह जगह दिखना शुभ है.