लखनऊ
योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को बड़ी राहत देते हुए बिजली बिल पर फ्लैट रेट की सुविधा दी है। शहरों में पांच किलोवाट कनेक्शन वाले पावरलूम कनेक्शन धारकों को आधे हार्स पावर पर 400 और एक हार्स पावर पर 800 रुपये देना होगा। गांवों में यह 300 और 600 रुपये होगा। इस योजना का लाभ एक अप्रैल 2023 से दिया जाएगा। वहीं हथकरघा पर 80 और पावरलूम लगाने पर 60 फीसदी तक अनुदान मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना को मंजूरी दी गई। इस योजना पर 400 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ने पत्रकारों को बताया कि पांच किलोवाट तक शहरी और ग्रामीण विद्युत कनेक्शन धारक बुनकरों के 0.5 व एक हार्स पावर से चलने वाले पावरलूम (60 रीड स्पेस तक) पर यह लाभ दिया जाएगा।
पांच किलोवाट अधिक भार वाले पावरलूम कनेक्शन धारकों को 700 रुपये प्रति हार्स पावर, अधिकतम 9100 रुपये हर माह अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान को बिल में कम कर दिया जाएगा। बेरोजगार को रोजगार से जोड़ने के लिए झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना शुरू की गई है। सूक्ष्म, लघु उद्यम निर्यात प्रोत्साहन तथा खादी ग्रामोद्योग हथकरघा एवं वस्त्रत्तेद्योग विभाग की ओर से लाए गए प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी। विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि बुनकरों को हथकरघा के दो अनुमानित मूल्यों 50 हजार रुपये और 80 हजार रुपये में अनुदान दिया जाएगा।
निजी क्षेत्र में नियोक्ता बोनस नहीं देंगे तो भी नहीं होगी सजा
निजी क्षेत्र में कर्मचारियों को बोनस नहीं देने वाले नियोक्ता को अब जेल नहीं होगी। बुधवार को हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव पर मुहर लगी। जिसके तहत बोनस संदाय अधिनियम-1965 में संशोधन को मंजूरी देते हुए छह माह तक सजा के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया। नए प्रावधान के तहत जुर्माने की राशि जो एक हजार रुपये थी, उसे बढ़ाकर दस हजार रुपये कर दिया गया है। इसमें भी शमन की व्यवस्था दी गई है। अब तक कर्मचारियों को बोनस नहीं देने पर नियोक्ता को छह माह की सजा या 1000 रुपये जुर्माना अथवा सजा व जुर्माना दोनों लगाए जाने का प्रावधान था।