भोपाल, एजेंसियां। सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) ने एक बार फिर विवादित बयान दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मुंबई आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे को वह देशभक्त नहीं मानती हैं। भोपाल के समीप सीहोर में आपातकाल की बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि एक इमरजेंसी सन 1975 में लगी थी और एक इमरजेंसी की स्थिति साल 2008 में तब बनी जब मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जेल में बंद किया गया था।
प्रज्ञा ने कहा कि लोग हेमंत करकरे को देशभक्त कहते हैं लेकिन जो असल में देशभक्त हैं वह उन्हें देशभक्त नहीं कहते। करकरे ने मेरे आचार्य की उंगलियां तोड़ दी थी। उन्होंने मुझे कक्षा आठवीं में पढ़ाया था। प्रज्ञा ठाकुर ने इससे पहले लोकसभा चुनाव-2019 के दौरान भी करकरे को लेकर विवादित बयान दिया था।
तब भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा था। उन्होंने कहा- मैंने कहा तेरा (मुंबई एटीएस चीफ हेमंत करकरे) सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगा है, जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में इसको आतंकवादियों ने मारा और उसका अंत हो गया था।
उस समय भोपाल में मीडिया से बात करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने अपने ऊपर पुलिस प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे। भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि एटीएस मुझे 10 अक्टूबर 2008 को सूरत से मुंबई लेकर गई थी। मुंबई में एटीएस ने 13 दिन तक बंधक बनाकर रखा था। बंधक बनाए जाने के दौरान पुरुष एटीएस कर्मियों ने मुझे बहुत प्रताड़ित किया था और भद्दी भद्दी गालियां दी थीं।
उल्लेखनीय है कि हेमंत करकरे मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले में शहीद हुए थे। इस आंतकी हमले में 166 लोग मारे गए थे। आंतकियों से मुकाबला करते हुए करकरे समेत कुल 17 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। साल 2009 में करकरे को भारत सरकार ने मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था। मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच उनके ही पास थी।