सुल्तानपुर
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट के मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने फैसले की तिथि सात अप्रैल को नियत की है। पूर्व मंत्री के वकील संतोष पाण्डेय ने बताया कि गायत्री के लखनऊ जेल से कोर्ट में नहीं आने के कारण फैसला शुक्रवार के लिए टाल दिया गया। कोतवाली अमेठी में 28 जनवरी 2012 को चुनाव नामांकन के दौरान गायत्री प्रजापति पर सैंकड़ों समर्थकों के साथ साइकिल जुलूस निकालकर अम्बेडकर चौराहे के पास प्रदर्शन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था।
इस केस में फैसला गुरुवार को आना था जो तीसरी बार टल गया था। जरअसल, लखनऊ जेल में निरुद्ध गायत्री को पुलिस अदालत में पेश नहीं कर पाई। इससे कोर्ट को फैसला टालना पड़ा। इसके बाद गुरुवार को एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट के मजिस्ट्रेट योगेश कुमार यादव ने पूर्व मंत्री को सात अप्रैल के लिए तलब करते हुए लखनऊ के जेल अधीक्षक को आदेश भेजा था। वहीं गायत्री प्रजापति के अधिवक्ता संतोष पांडेय ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी लखनऊ के जेल अधीक्षक उन्हें अदालत में पेश नहीं कर पा रहे जिससे फैसला अटक रहा है। इस पर उन्होंने जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वहीं गुरुवार को गायत्री प्रजापति के कोर्ट में पेश नहीं होने पर एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट के मजिस्ट्रेट योगेश कुमार यादव के आदेश पर जेल अधीक्षक से फोन पर बात की गई। जेल अधीक्षक ने शुक्रवार को गायत्री प्रजापति को पेश करने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि 28 जनवरी 2012 को अमेठी विधानसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान बिना अनुमति के जुलूस निकालकर आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में गायत्री प्रजापति के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।