
कोझिकोड, प्रेट्र। केरल की वामपंथी सरकार जिस तरह से 1921 के मोपला विद्रोह को वामपंथी क्रांति बताकर उत्सव मना रही है, उसको लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) विचारक राम माधव ने केरल सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 1921 का मोपला विद्रोह भारत में तालिबान मानसिकता की पहली झलक थी। राम माधव ने आरोप लगाया कि केरल की वाम सरकार इसे वामपंथी क्रांति बताते हुए इसका जश्न मनाकर उसे सही ठहराने की कोशिश कर रही है।
केरल में 1921 के विद्रोह के दौरान हिंसा का शिकार हुए पीड़ितों की याद में कोझिकोड में आयोजित एक कार्यक्रम में संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव माधव ने गुरुवार को कहा कि इसे मप्पिला दंगा भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि केरल में वामपंथी सरकार है। वह इसे अंग्रेजों और सामंती ताकतों के खिलाफ वामपंथी क्रांति बता रही है। वे इसे अलग ढंग से उत्सव के रूप में मना रहे हैं। वे इस विद्रोह में शामिल नेताओं को हीरो बताने वाली फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि वे कैसे तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करते हैं। यह उनके जीन में है। उन्होंने कहा कि तालिबानी विचारधारा के कारण ही 1947 में देश का विभाजन हुआ। 1946 में बंगाल में और उसके बाद कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार इसी मानसिकता के कारण किए गए। उन्होंने कहा कि तालिबानी या कट्टर इस्लामी विचारधारा मुसलमानों समेत सभी धर्मो को नष्ट कर देगी। इस तरह की विचारधारा की जब वृद्धि होती है तो वह किसी धर्म को नहीं छोड़ती।
खास बातें-
– तालिबानी मानसिकता का जन्म खास कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा से हुआ, जिसकी पहली झलक मोपला विद्रोह
– उस समय मीडिया की उपस्थिति उतनी नहीं थी, इसलिए अत्याचारों की खबरें आम लोगों तक नहीं पहुंचीं
– राष्ट्रीय नेतृत्व सही इतिहास से अवगत, ऐसी ताकतों को नहीं करने देगा देश में हिंसा, चाहे वह कश्मीर हो या केरल