नोएडा
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी यूपीपीसीबी ने भूजल दोहन के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. यूपीपीसीबी ने 38 बिल्डरों पर 76 करोड़ 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. बोर्ड ने इन बिल्डरों से 15 दिन के भीतर जुर्माने की राशि जमा करने के लिए कहा है. यह कार्रवाई अवैध रूप से बोरवेल करा कर भूजल का दोहन करने के मामले में की गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक, एक व्यक्ति ने एनजीटी के सामने याचिका दायर कर शिकायत की थी कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा की 63 आवासीय परियोजनाओं में बिल्डर अवैध रूप से बोरवेल के जरिए भूजल निकाल रहे हैं. इस शिकायत के बाद एनजीटी ने जिला स्तर पर जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी में जिला मजिस्ट्रेट के साथ ही राज्य और केंद्र के प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों को शामिल किया गया था. बताया जाता है कि जांच के दौरान कमेटी ने पाया कि 41 परियोजनाओं में बोरवेल के जरिए भूजल निकाला जा रहा था. इन 41 परियोजनाओं में से केवल तीन के पास ही बोरवेल के उपयोग के लिए अनुमति थी.
बोरवेल कराकर भूजल की निकासी की जा रही थी
38 परियोजनाओं में बिना अनुमति के अवैध रूप से बोरवेल कराकर भूजल की निकासी की जा रही थी. कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने इन 38 बिल्डरों को नोटिस जारी किया था. प्रबंधक प्रदूषण विभाग ने बताया कि बोर्ड ने अब इन बिल्डरों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया है. इन सभी को जुर्माना लगाए जाने की जानकारी दे दी गई है. इनको जुर्माने की राशि जमा करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी गई है.
बगैर अनुमति भूजल निकालने के दोषी पाए गए
बिल्डरों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दी गई है. यूपीपीसीबी जल अधिनियम 1974 के तहत भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. अधिकारी राधेश्याम बताते हैं कि प्रदूषण विभाग के द्वार ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गैलेक्सी ब्लू नीलम पर 3.60 करोड़, ऐस डिविनो परियोजना पर 3.30 करोड़, अजनारा होम्स पर 1.80 करोड़, एपेक्स गोल्फ एवेन्यू पर 1.10 करोड़ और अजनारा ले गार्डन पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.