छत्तीसगढ़

प्रकाश इण्डस्ट्रीज की कोयला खनन परियोजना के विरोध में उतरे आदिवासी..लोक सुनवाई का जमकर हुआ विरोध

पर्यावरणविद आलोक शुक्ला के मुताबिक ग्रामीणों का कहना है कि खनन से जंगल का विनाश एवं दो जलाशय प्रभावित होंगे जिनसे 700 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई होती है। जानते चलें कि जल जंगल जमीन बचाने ग्रामीण लामबंद हो रहे हैं तथा प्रकाश इंडस्ट्रीज वापस जाओ, जल जंगल जमीन पर अधिकार हमारा है, जैसे नारे लगाकर उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि न लोकसभा न विधानसभा सबसे बड़ा ग्राम सभा।

जानते चलें कि सूरजपुर जिले के भैयाथान ब्लॉक में प्रस्तावित भास्करपारा कोल परियोजना का विरोध व्यापक स्तर पर हो रहा है। दरअसल आधा दर्जन गांव के 932 हेक्टेयर में प्रकाश इण्डस्ट्रीज लिमिटेड की खुली कोयला खदान प्रस्तावित है, जिसका जनप्रतिनिधि विरोध कर रहे हैं। इसके पहले भी विवाद की स्थिति निर्मित हो चुकी है।ग्रामीणों का आरोप है कि इस कोल परियोजना से क्षेत्र और पर्यावरण का खासा नुकसान होगा। 

ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने 6 बिंदुओं का एक लिखित पत्र भी क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण व संरक्षण मंडल अंबिकापुर को सौंपा है। उन्होंने मांग की है कि परियोजना बंद की जाए क्योंकि इससे भारी संख्या में वृक्षों की ​कटाई होगी, जल स्त्रोत का संकट गहराएगा।सैकड़ों गांव सिचाई के लिए तरस जाएंगे।

भास्करपारा कोयला खनन परियोजना के संदर्भ में चर्चा हेतु आयोजित बैठक स्थल पहुंचकर ग्रामीणों के साथ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उनका कहना है कि पर्यावरण बचाना लक्ष्य हमारा। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में प्रकाश इंडस्ट्रीज को आवंटित बस्करपारा कोयला खनन परियोजना हेतु आयोजित लोकसुनवाई का प्रभावित ग्रामीणों ने भारी विरोध किया। ग्रामीणों का कहना है कि खनन से जंगल का विनाश एवं दो जलाशय प्रभावित होंगे जिनसे 700 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई होती है।

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