भोपाल
राज्य सरकार कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले पर से बैन हटाए या नहीं पर अगले 57 दिनों में हजारों पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के स्थानांतरण होंगे। इनमें नायब तहसीलदार से लेकर संभागायुक्त तक और सब इंस्पेक्टर से लेकर रेंज में आईजी के रूप में पदस्थ एडीजी स्तर तक के वे सभी अफसर बदले जाएंगे जो चुनाव आयोग की गाइडलाइन के दायरे में आएंगे। चुनाव आयोग के आदेश पर चुनाव कार्य से सीधा संबंध रखने वाले आईएएस, आईपीएस, राज्य प्रशासनिक और राज्य पुलिस सेवा के अफसरो के थोक तबादले राज्य सरकार करेगी।
भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से चुनाव कार्य से सीधा संबंध रखने वाले अधिकारियों के तबादले 31 जुलाई तक करके रिपोर्ट देने को कहा है। इसके बाद चुनाव आयोग अगले महीनों में चुनाव संबंधी गतिविधियां तेज करेगा। मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों के मुख्य सचिवों और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों के लिए जारी निर्देश में चुनाव आयोग ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का काम निर्देशों के मुताबिक समय सीमा में कर लिया जाए। मध्यप्रदेश में नई विधानसभा के गठन की कार्यवाही 6 जनवरी 2024 तक करनी है।
अधिकारियों की पदस्थापना को लिए दिए निर्देश में कहा गया है कि कोई भी महिला या पुरुष अधिकारी गृह जिले में पदस्थ नहीं होना चाहिए। यदि कोई अधिकारी 31 जनवरी 2024 की स्थिति में पिछले चार सालों में तीन साल की अवधि जिले में पूरा करता है तो उसे स्थानांतरित कर दिया जाए। इसमें अधिकारी के प्रमोशन के बाद एक जिले में उसकी पदस्थापना के तीन साल भी जोड़े जाएंगे।
ये अधिकारी आएंगे दायरे में
आयोग ने कहा है कि यह निर्देश न सिर्फ जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी पर लागू होगा बल्कि सभी एडीएम, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, तहसीलदार, ब्लाक डेवलपमेंट आफिसर या चुनाव से सीधे संबंंध रखने वाले अधिकारी भी इसके दायरे में आएंगे। आयोग ने पुलिस विभाग के रेंज आईजी, डीआईजी, एसएएफ के कमांडेंट, एसएसपी, एसपी, एडिशनल एसपी, सीएसपी, डीएसपी, एसडीओपी, थाना प्रभारी, सब इंस्पेक्टर, रक्षित निरीक्षक, सर्जेंट मेजर या समकक्ष पदों पर कार्यरत अधिकारी जिनका चुनाव से सीधा संबंध रहेगा, उनके लिए भी यह निर्देश लागू किए हैं। सब इंस्पेक्टर गृह जिले में पदस्थ नहीं रहेंगे। सब इंस्पेक्टर तीन साल की अवधि पूरी करने पर दूसरे पुलिस सब डिवीजन में ट्रांसफर किए जाएंगे।
इन पर लागू नहीं होंगे निर्देश
आयोग ने कहा है कि वृहद स्तर पर ट्रांसफर नहीं करने की मंशा के अंतर्गत राज्य मुख्यालय में पदस्थ अधिकारी इससे प्रभावित नहीं होंगे। ऐसे डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, प्रिंसिपल जिनका चुनाव से सीधा संबंध नहीं है, वे भी ट्रांसफर से मुक्त रहेंगे, अगर उनका चुनाव से सीधा संबंध चुनाव अधिकारी के संज्ञान में नहीं आता है। ऐसे अधिकारी जिनका रिटायरमेंट छह माह बचेगा, उन्हें स्थानांतरण से मुक्त रखा जा सकेगा। आयोग ने यह भी कहा है कि ऐसे अधिकारी जो संविदा पर या अन्य तरीके से पदस्थ हैं, उन्हें चुनाव संबंधी कार्यों से मुक्त रखा जाएगा।