छत्तीसगढ़

पारंपरिक सरहुल महोत्सव सरना स्थल को मिलेगी नई पहचान

अंबिकापुर

सरगुजा क्षेत्र के आदिवासी समाज के सदस्यों ने शुक्रवार को मंगल उरांव और उमेश कुमार भगत के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत से मुलाकात की। उन्होंने सरकार द्वारा सरना स्थल पर विभिन्न निर्माण कार्यों को स्वीकृति मिलने पर आभार जताया।

गुरुवार को सरहुल महोत्सव के अवसर पर अंबिकापुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी समाज की माँगों के अनुरूप विभिन्न निर्माण कार्यों को स्वीकृति प्रदान की। जिसके अनुरूप सरहुल महोत्सव सरना स्थल पर पर हैंडपंप, शौचालय, स्नानागार और 100 लोगों के बैठक की व्यवस्था सहित शेड का निर्माण किया जाएगा। साथ ही आदिवासी समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अजिरमा स्थित कोरेया बाड़ी सरना स्थल का नाम आदिवासी आस्था आंगन करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने स्वीकृति देते हुए कहा कि अंबिकापुर के आकाशवाणी चौक का नाम इंजीनियर बाबा कार्तिक उरांव चौक किया जाएगा।

ग्रामीणों ने कल सरहुल महोत्सव के दौरान अजिरमा में सरहुल भवन के नाम से सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 25 रूपए की आर्थिक सहायता की माँग की थी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसे भी स्वीकृति प्रदान की। मंत्री अमरजीत भगत ने इस हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पहली बार आदिवासियों का सम्मान करने वाली सरकार छत्तीसगढ़ में काबिज हुई है। पारंपरिक आदिवासी उत्सव सरहुल महोत्सव को पहचान देने वाली घोषणा के लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। उल्लेखनीय है कि कल हर्षोल्लास के साथ पारंपरिक आदिवासी उत्सव सरहुल अंबिकापुर के में मनाया गया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं उस महोत्सव में शामिल हुए थे।

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