
टोक्यो, एजेंसियां। टोक्यो पैरालिंपिक में भारत के पैरा-एथलीटों ने रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन किया है और कुल 12 पदक अपने नाम कर लिए हैं। जारी खेलों में अभी दो दिन का समय है और 53 साल से ज्यादा पदक आ सकते हैं। पैरालिंपिक 2020 के शुरू होने से पहले भारत ने 11 संस्करणों में हिस्सा लिया था और कुल अबतक 12 पदक जीते थे। साल 1960 में पैरालिंपिक की शुरुआत हुई थी और भारत ने पहली बार 1968 में तेल अवीव में हुए पैरालिंपिक में हिस्सा लिया था।
निशानेबाज अवनि लेखरा ने शुक्रवार को एक ही पैरालिंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला एथलीट बनकर इतिहास रच दिया। उनसे पहले, जोगिंदर सिंह सोढ़ी इन खेलों में एक ही चरण में कई पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने 1984 पैरालिंपिक में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते थे। अवनी ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन SH1 इवेंट में कांस्य पदक जीता। इससे पहले उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
भारत की झोली में अबतक कुल दो गोल्ड, छह सिल्वर और चार ब्रांज
इससे पहले दिन में, एथलीट प्रवीण कुमार (खेल वर्ग टी44) ने पुरुषों की ऊंची कूद टी64 फाइनल में रजत पदक जीता। भारत की झोली में अबतक कुल दो गोल्ड, छह सिल्वर और चार ब्रांज आ गए हैं। पैडलर भाविना पटेल ने चल रहे टोक्यो पैरालिंपिक में भारत को पहला पदक दिलाया था। उन्होंने रजत पदक अपने नाम किया था। रैंकिंग में देश 36वें स्थान पर है।
इन भारतीय एथलीटों ने जीते पदक
अवनि के अलावा भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने स्वर्ण पदक जीता है। वहीं भाविना के अलावा निषाद कुमार, देवेंद्र झाझरिया, प्रवीण कुमार, योगेश कथुनिया और मरियप्पन थंगावेलु ने रजत पदक जीते। अवनि के अलावा सुंदर सिंह गुर्जर, सिंहराज अधाना और शरद कुमार ने मौजूदा टोक्यो पैरालिंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीता है।