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टोक्यो पैरालिंपिक 2020: भाविना पटेन ने पदक पक्का कर रचा इतिहास, टेबल टेनिस स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंचीं

टोक्यो, प्रेट्र। भारत की भाविना बेन पटेल ने पैरालिंपिक खेलों में पदक पक्का करते हुए इतिहास रच दिया है। वह भारत के लिए पैरा टेबल टेनिस स्पर्धा का पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं। गुजरात की रहने वालीं भाविना ने क्लास-चार दौर के क्वार्टर फाइनल में सर्बिया की बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच को 11-5, 11-6, 11-7 से मात देते हुए 3-0 से जीत दर्ज की, जिससे उनका पदक पक्का हुआ। टोक्यो पैरालिंपिक में इस बार टेबल टेनिस की स्पर्धा में कांस्य पदक के लिए मुकाबले नहीं हो रहे हैं, जिससे भाविना को यह उपलब्धि हासिल हुई।

34 वर्षीय भाविना ने अपने पहले पैरालंपिक खेलों में दमदार खेल दिखाया। इससे पहले उन्होंने क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए ब्राजील की जायस डि ओलिवियरा को अंतिम-16 मुकाबले में 12-10, 13-11, 11-6 से हराया था। इसके साथ ही वह पैरालिंपिक खेलों के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली भी पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बनी थीं। वहीं अन्य टेबल टेनिस खिलाड़ी सोनल बेन मनुभाई पटेल दोनों ग्रुप मैच हारकर बाहर हो चुकी हैं। 

पोलियो भी नहीं रोक सका खेलने से : भाविना ने जिंदगी में तमाम संघर्षो को दरकिनार करते हुए अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा। छह नवंबर 1986 को गुजरात के वडनगर में भाविना का जन्म हुआ था। इसके एक साल बाद उन्हें पोलियो की बीमारी ने घेर लिया। भाविना के मध्यम वर्गीय परिवार में माता-पिता, एक भाई, एक बहन मिलाकर कुल पांच लोग थे। गांव में ही पढ़ाई जारी रखने वाली भाविना जब चौथी कक्षा में पहुंचीं तब पिता ने उनकी सर्जरी विशाखापत्तनम में करवाई। 

2004 में शुरू किया खेलना : सर्जरी के बाद भी आíथक स्थिति सही न होने के कारण वह सही तरीके से अपना रखरखाव नहीं कर सकीं और इस बीमारी ने उन्हें पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया। हालांकि, भाविना ने हार नहीं मानी और 12वीं तक पढ़ाई पूरी करने के बाद 2004 में उनके पिता ने दृष्टिबाधित व्यक्तियों के संघ में उनका दाखिला करवा दिया। जहां भाविना ने तेजल बेन लखिया से कंप्यूटर कोर्स सीखा और गुजरात विश्वविद्यालय में पत्राचार के द्वारा पढ़ाई भी जारी रखी। यहीं पर जब भाविना को पता चला कि कुछ खेल गतिविधियां भी होती हैं तब तेजल ने उनकी मुलाकात ललन दोषी से करवाई, जो वर्तमान में भाविना के कोच भी हैं। उन्होंने ही इस खिलाड़ी को टेबल टेनिस के गुर सिखाना शुरू किया और तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद भाविना ने राष्ट्रीय पैरा टेबल टेनिस स्पर्धा का अपना पहला स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके बाद फिर भाविना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई टूर्नामेंट में पदक हासिल करते हुए आगे बढ़ती गईं।

भाविना पटेल की उपलब्धियां

-2013 में आइटीटीएफ पीटीटी एशियाई टेटे क्षेत्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी।

-2011 में पीटीटी थाइलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप में व्यक्तिगत वर्ग में रजत पदक जीतकर विश्व रैंकिंग में दूसरे पायदान पर पहुंचीं।

-2017 चीन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ एशियाई पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।

-28 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाविना पांच स्वर्ण, 13 रजत और आठ कांस्य पदक जीत चुकी हैं।

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