भोपाल
जेपी अस्पताल की ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को लंबी लाइन में न खड़ा होना पड़े, इसके लिए टोकन सिस्टम की शुरुआत की गई, लेकिन टोकन नंबर लेने के बाद भी मरीजों को वही पुराने तरीके से पर्चा बनवाने से लेकर इलाज के लिए कतार में लगना पड़ रहा है। सुस्त कार्यप्रणाली के चलते 12 दिसंबर से शुरू होने वाली यह नई व्यवस्था अब तक सुचारू रूप से चल नहीं सकी है।
वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि टोकन सिस्टम के लिए सभी डॉक्टरों के कक्ष व पंजीयन काउंटर पर स्क्रीन लगाई गई हैं। साथ दो मशीनें लगाई हैं, जिनसे मरीज टोकन ले सकते हैं। डॉक्टरों व अन्य स्टाफ को भी ट्रेनिंग दी है। जिससे इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सके। मरीजों को लंबी कतारों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। जिन लोगों को टोकन मिल रहा है, उन्हें अपनी बारी का इंतजार करने के लिए अस्पताल परिसर में बैठने तक की जगह नहीं है।
यह है पूरी प्रक्रिया
पहले मरीज या परिजन टोकन डिस्पेंसरी बॉक्स से टोकन नंबर लेंगे।इसके बाद पंजीयन काउंटर पर लगे डिस्प्ले बोर्ड पर नंबर आने पर मरीज बिना लाइन में लगे पंजीकरण करा सकेंगे। एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद निर्धारित डॉक्टर का नाम व कक्ष नंबर पर्चे पर लिखा होगा। फिर डॉक्टर के कक्ष पर लगी स्क्रीन पर नंबर आने के बाद वह कक्ष में जाएंगे।
टोकन सिस्टम में जरूरी सभी सुधार किए गए हैं। डॉक्टरों व स्टाफ की ट्रेनिंग भी पूरी हो गई है। अब यह व्यवस्था सुचारू रूप से चलाई जाएगी। मरीज किसी भी तरह के सहयोग के लिए हेल्प डेस्क पर मौजूद कर्मचारी की मदद ले सकेंगे।
डॉ. राकेश श्रीवास्ताव, अधीक्षक, जेपी अस्पताल