मध्यप्रदेश

राजस्व आय बढ़ाने और खर्चो को काम करने,वित्त विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों से मांगी राये

 भोपाल

वित्त विभाग ने सभी प्रमुख विभागों के अधिकारियों से पूछा है कि वे अपने विभाग में कैसे राजस्व आय बढ़ा सकते है। इसके अलावा किस तरह से विभागीय योजनाओं कामों में मितव्ययिता ला सकते है। किन योजनाओं का संविलियन किया जा सकता है।

अपर मुख्य सचिव वित्त इन बिन्दुओं पर सभी प्रमुख विभागों के अफसरों से वन टू वन चर्चा करेंगी।  तीन जनवरी से सत्रह जनवरी तक यह चर्चा होगी। इस चर्चा के लिए विभागोंं के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को बुलावा दिया गया है। सभी विभागों से इसमें पूछा जाएगा कि राजस्व आय बढ़ाने के लिए विभाग में क्या और उपाय किए जा सकते है।  वर्तमान में विभिन्न योजनाओं की प्रासंगिकता क्या है तथा इनमें मितव्ययिता और व्यय के युक्तियुक्तकरण की क्या संभावनाएं है।  विभागीय योजनाओं के मापदंड और हितग्राहियों की संख्या की भी जानकारी विभागों से पूछी जाएगी। विभाग की किन योजनओं का संविलियन किए जाने की संभावना है इस पर भी बात होगी। राजस्व और पूंजीगत व्यय का सटीक आंकलन कर सही वर्गीकरण करने पर भी बात की जाएगी। पूंजीगत योजनाओं के लिए सेल्फ आॅफ प्रोजेक्ट की जानकारी और अपूर्ण परियोजनाओं की जानकारी भी अफसरों को चर्चा के दौरान बताना होगा। किसी योजना के संचालन के लिए अतिरिक्त राशि की जरुरत हो या किसी योजना में कटौती की जाना है तो उसका भी ब्यौरा देना होगा। इस बैठक में विभाग के विभागाध्यक्ष, बीसीओ तथा वित्तीय सलाहकार को भी साथ में लाना होगा।

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तीन जनवरी से होगी शुरूआत
चर्चा की शुरुआत तीन जनवरी को नर्मदा घाटी विकास और खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्त संरक्षण विभागों के अफसरों के साथ होगी। सबसे अंत में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम,औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, पीएचई, स्वास्थ्य, आनंद एवं संस्कृति और वित्त विभााग के अफसरों के साथ 17 और 18 जनवरी को चर्चा की जाएगी। सभी को चर्चा के लिए एक-एक घंटे का समय दिया गया है।

KhabarBhoomi Desk-1

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