उत्तर प्रदेश

यूपी में पहली बार बदलेगा ये कोर्स, मेडिकल कॉलेजों को दिया गया जिम्‍मा; कोरोना काल में महसूस की गई जरूरत

 कानपुर 

यूपी में पहली बार पैरामेडिकल कोर्स में बदलाव किया जा रहा है। सभी कोर्सों को री-डिजाइन करने के लिए मेडिकल कॉलेजों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोरोना काल के बाद कई समस्याएं सामने आईं,जिन्हें देखते हुए पहली बार कोर्स डिजाइन की जरूरत महसूस हुई। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि भविष्य में कोई आपदा आए तो पैरा मेडिकल स्टाफ उसका प्रबंधन कर सके। बीते दिनों प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की ओर से वर्चुअल मीटिंग कर एजेंडा तय किया गया था।

इसमें साफ किया गया है कि कोर्स को नए समय संग मांग व जरूरतों के हिसाब से बनाया जाएगा। टेक्नीशियन को पारंगत करने के लिए उसे सेमी डॉक्टर जैसी पढ़ाई करनी होगी ताकि डॉक्टर नहीं है तो वह अनुभव से मरीजों को संभालने जैसा इलाज कर सकें,सात ही मरीजों को दवाएं दे सकें। इसी कड़ी में सभी को अलग-अलग से जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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एलपीएस कॉर्डियोलाजी के निदेशक प्रो.विनय कृष्‍णा ने बताया कि पैरा मेडिकल कोर्सेस में बदलाव के लिए सोमवार से विशेषज्ञों के बीच मंत्रणा शुरू हो गई है। सभी के बिन्दुओं को नोट कर लिया गया है, उसी हिसाब से कोर्सो में बदलाव किया जाएगा।

इन्हें दी जिम्मेदारी 

-एलपीएस कॉर्डियोलाजी कार्डियक टेक्नीशियन का कोर्स बनाएगा

-जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को ओटी टेक्नीशियन का जिम्मा

– गोरखपुर मेडिकल कॉलेज डीएमएलटी कोर्स

-रेडियोग्राफी कोर्स में बदलाव का जिम्मा 
-डायलिसिस टेक्नीशियन झांसी मेडिकल कालेज 

-डीएमएलटी और फार्मेसी में आगरा मेडिकल कलेज, साइकोथेरेस्टी में सैफईं 

-आप्टोमिट्री टेक्नीशियन प्रयागराज और इमरजेंसी
-ट्रामा टेक्नीशियन में मेरठ मेडिकल कॉलेज को जिम्मा दिया गया।

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