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कैप्टन बनने से चंद मिनट पहले चली गई को-पायलट अंजू खतिवडा की जान, रुला देगी उनकी कहानी

नई दिल्ली
 नेपाल के पोखरा में हुए विमान हादसे में अभी तक 68 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। सभी शवों को बरामद भी कर लिया गया है। इस हादसे में मरने वालों में पांच भारतीय भी शामिल हैं। दुर्घटना में जान गंवाने वाली विमान की को-पायलट अंजू खतिवडा (Anju Khatiwada) की कहानी काफी दर्दनाक है। को-पायलट के तौर पर ये अंजू की आखिरी उड़ान थी, लेकिन इस उड़ान के साथ ही उनकी जिंदगी का सफर भी खत्म हो गया।

कैप्टन बनने वाली थीं अंजू खतिवडा
दरअसल, विमान के सकुशल लैंडिंग होने पर अंजू का प्रमोशन होना था। अंजू को-पायलट से कैप्टन बनने वाली थीं, लेकिन लैंडिंग से कुछ ही मिनटों पहले विमान क्रैश हो गया। इस विमान को सीनियर कैप्टन कमल केसी उड़ा रहे थे। अंजू इस विमान में को-पायलट थीं।
 
विमान हादसे में ही गई थी अंजू के पति की जान
अंजू के पति दीपक पोखरेल की जान भी विमान हादसे में गई थी। करीब 16 साल पहले भी यति एयरलाइंस का विमान क्रैश हुआ था। दीपक भी विमान में को-पायलट के तौर पर मौजूद थे, लेकिन हादसे में उनकी जान चली गई। ये हादसा 21 जून 2006 को हुआ था। विमान ने तब नेपालगंज से सुर्खेत के लिए उड़ान भरी थी। इस हादसे में 4 क्रू मेंबर समेत 10 लोगों की जान चली गई थी।

 
4 क्रू मेंबर समेत 72 लोगों की मौत
गौरतलब है कि काठमांडू से पोखरा जा रहा एक यात्री विमान रविवार सुबह हादसे का शिकार हो गया था। यति एयरलाइंस का दो इंजन वाला एटीआर 72 विमान लैंडिंग से चंद मिनट पहले पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया। दुर्घटनाग्रस्त विमान में 68 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे। हादसे की वजह विमान में तकनीकी खराबी बताई जा रही है। विमान में 15 विदेशी नागरिक भी सवार थे। इनमें पांच भारतीय, चार रूसी, दो कोरियाई के अलावा आस्ट्रेलिया, फ्रांस, अजेंटीना, इजराइल के एक-एक नागरिक थे।

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KhabarBhoomi Desk-1

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